दिल्ली के त्यागराज इंडोर स्टेडियम में यूनिसेफ की ओर से आयोजित विश्व बाल दिवस के कार्यक्रम में महान क्रिकेटर और यूनिसेफ दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय राजदूत सचिन तेंदुलकर शामिल हुए. तेंदुलकर ने बच्चों से कहा कि खेल हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं. मौके पर बच्चों ने एक दोस्ताना फुटबॉल मैच भी खेला. जिसमें सचिन तेंदुलकर और यूनिसेफ के सेलिब्रिटी एडवोकेट फिल्म अभिनेता आयुष्मान ने भी भाग लिया.
इस अवसर पर नेताओं और मशहूर हस्तियों के साथ कोरियोग्राफ किया गया नृत्य पेश किया गया. इसमें सभी बच्चों के लिए उचित और समान व्यवहार का संदेश दिया गया. कार्यक्रम में बोलते हुए सचिव युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार मीता राजीवलोचन ने कहा कि आइए आज हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हों कि इस देश के प्रत्येक बच्चे और युवा व्यक्ति के पास भारत को एक उज्जवल कल की ओर ले जाने के लिए संसाधन, कौशल, अवसर और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए स्थान हो.
यूनिसेफ के कार्यक्रम में दिल्ली के त्यागराज इंडोर स्टेडियम में इस अवसर पर सैकड़ों बच्चे जमा हुए. 20 बच्चों की एक टीम ने दिग्गज क्रिकेटर और यूनिसेफ के क्षेत्रीय सद्भावना दूत सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड स्टार और यूनिसेफ के सेलिब्रिटी एडवोकेट आयुष्मान खुराना के साथ एक दोस्ताना फुटबॉल मैच खेलकर समानता का जश्न मनाया.
प्रसिद्ध संगीतकार रिकी केज, जो यूनिसेफ के एक सेलिब्रिटी एडवोकेट भी हैं, ने बच्चों के बारे में और उनके साथ एक संगीत कार्यक्रम आयोजित किया. लगभग सौ बच्चों ने रचनात्मक रूप से विविधता, समावेश और समानता में एकता का चित्रण करते हुए एक कला का प्रदर्शन किया.
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि खेल हमें कई बंधनों से मुक्त करते हैं और हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं. यह लड़कियों और महिलाओं के लिए अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह उन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए अधिक शक्ति और आत्मविश्वास से लैस करते हैं. आज के खेल ने यह दिखाया. खेल और बाल अधिकारों को जोड़ने के यूनिसेफ के प्रयास सराहनीय हैं. जब तक आपके दिल में जुनून है तब तक खेल आपका है.
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा कि विश्व बाल दिवस हम सभी के लिए हर बच्चे, विशेष रूप से लड़कियों को लैंगिक रूढ़ियों, असमानताओं और अन्य बाधाओं से मुक्त करने और उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए सामूहिक वादों को नवीनीकृत करने का समय है. जब बच्चों की अधिकारों की बात आती है, तो केवल एक ही टीम हो सकती है. यूनिसेफ इंडिया को भारत में इस क्रॉस सेक्टोरल आंदोलन का समर्थन करने का सौभाग्य मिला है.
आयुष्मान खुराना ने कहा कि जब हम खेलते हैं, तो हम एक टीम बन जाते हैं और महसूस करते हैं कि हमारा दृढ़ संकल्प, जुनून और उत्साह ही सब कुछ है. हम यहां जश्न मनाने के लिए हैं. आइए सभी बच्चों के लिए समानता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए लड़कियों और लड़कों को सशक्त बनायें. यूनिसेफ, इस कार्यक्रम को एक ऐसे विषय पर आयोजित करने के लिए धन्यवाद, जिसकी मुझे परवाह है.