23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बलिदान दिवस: शहीद भगत सिंह का है कानपुर से गहरा नाता, इस नाम से रहा करते थे शहर में….

शहीद भगत सिंह की कानपुर से गहरा नाता रहा है. अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले भगत सिंह ने शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी के साथ शहर में पत्रकारिता भी किया था. वह साल 1924 से 1926 तक पंजाब से आकर कानपुर में रहे थे. यहां आने का बाद उन्होंने सबसे पहले सुरेशचंद्र भट्टाचार्य से मुलाकात की थी.

कानपुर: 23 मार्च यह तारीख जब-जब आती है, तब-तब उन तीन क्रांतिकारियों का जिक्र जरूर होता है जिन्‍होंने मुस्‍कुराते हुए देश के नाम अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी. भगत सिंह की शहादत को आज 92 साल हो चुके हैं और आज भी वो युवाओं के आदर्श बने हुए हैं. स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह का आज बलिदान दिवस है. उनका कानपुर से गहरा नाता रहा है. अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले भगत सिंह ने शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी के साथ शहर में पत्रकारिता भी किया था. वह साल 1924 से 1926 तक पंजाब से आकर कानपुर में रहे थे. यहां आने का बाद उन्होंने सबसे पहले सुरेशचंद्र भट्टाचार्य से मुलाकात की थी. भट्टाचार्य ने ही भगत सिंह की मुलाकात गणेश शंकर विद्यार्थी से कराई थी. इसके साथ ही यही पर भगत सिंह की मुलाकात चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त, फणींद्रनाथ घोष, बिजॉय कुमार सिन्हा, शिव वर्मा और यशपाल जैसे क्रांतिकारियों से हुई थी.

शादी न हो इसलिए भागकर आये थे कानपुर
Undefined
बलिदान दिवस: शहीद भगत सिंह का है कानपुर से गहरा नाता, इस नाम से रहा करते थे शहर में.... 3

सन् 1857 में देश में आजादी की लड़ाई के लिए जो चिंगारी भड़की थी वो कानपुर में आग का गोला बन चुकी थी. इतिहास में भी भगत सिंह और कानपुर के बीच उस रिश्‍ते का जिक्र है जो हमेशा के लिए उनके जीवन से जुड़ा था. 28 सितंबर 1907 को जन्‍में भगत सिंह सन् 1924 में कानपुर आए थे. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी. खेतों में बंदूकें बोने वाले भगत सिंह के परिवार वाले उनकी शादी कराना चाहते थे. लेकिन भगत सिंह कहते थे कि जब तक उनका देश गुलाम है, वो शादी नहीं कर सकते हैं.इसी कारण वह कानपुर घर से भागकर आये थे. भगत सिंह के शब्‍द थे, “मेरी दुल्‍हन तो आजादी है और वह सिर्फ मरकर ही मिलेगी”

Also Read: Shaheed Diwas 2023 Quotes: शहीद दिवस पर भेजें ये बेहतरीन कोट्स,भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को करें नमन कानपुर में नाम बदलकर रहते थे भगत सिंह
Undefined
बलिदान दिवस: शहीद भगत सिंह का है कानपुर से गहरा नाता, इस नाम से रहा करते थे शहर में.... 4

शहीद भगत सिंह कानपुर में बलवंत सिंह के नाम से रहते थे.उन्होंने गणेश शंकर विद्यार्थी की मदद से बलवंत सिंह के नाम से प्रताप प्रेस में पत्रकार के रूप में काम किया था.इसके साथ ही वह यहां पर आजादी की लड़ाई में होने वाली बैठकों में भी शामिल होते थे.अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी समिति संगठन से जुड़े सर्वेश पांडेय निन्नी के बताते है कि 1924- 1926 में भगत सिंह पंजाब से कानपुर आकर बसे थे.सर्वेश बताते है कि 30 साल से उनकी संस्था के लोग लाटूश रोड पर लगी भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते आ रहे हैं.संस्था से जुड़े लोगों ने बुधवार की शाम को सभी ने जाकर प्रतिमा की सफाई की और गुरुवार सुबह फूल चढ़ाए है. संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री दिलीप सिंह बागी ने सरकार से मांग की है कि शहीद भगत सिंह के साथ ही राजगुरू, सुखदेव की सामूहिक प्रतिमाएं फूलबाग चौराहे पर लगाई जाए.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें