पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंची केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Union Minister Sadhvi Niranjan Jyoti) ने एक बार फिर तृणमूल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तृणमूल प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिलने गया था तब मैंने शाम 6 बजे से रात 8:30 बजे तक इंतजार किया था. मंत्री ने कहा, ”पहले उन्होंने कहा, 5 लोग मिलेंगे. फिर उन्होंने कहा कि 10 लोग मिलेंगे. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि वह जाएंगे. मैं मिलने को तैयार हो गई. तब उन्होंने कहा, हमें प्रतिनिधियों से नहीं, जनता से मिलना है. मंत्री ने यह भी कहा, मैं बहुत दुखी हूं, मैं अपना काम छोड़कर बंगाल के लोगों की भलाई के लिए बोलना चाहती थी. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बंगाल के लोगों के बारे में नहीं सोचा, उनका मुख्य उद्देश्य धरना देना था. उन्होंने आगे कहा, ”हमने किसी का पैसा नहीं रोका है. अगर पैसा रोकना ही लक्ष्य होता तो बाकी सभी परियोजनाएं रोक दी गई होतीं.
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने साध्वी निरंजन ज्योति के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एक बार फिर लगातार झूठ बोल रही हैं कि जब हम दिल्ली में उनसे मिलने गए थे तो क्या हुआ था. सांसदों और मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल बंगाल से मिलने के लिए उनके कार्यालय में पूर्व नियुक्ति के साथ गया था. हमारे प्रवेश करने से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने सूची में हर एक नाम पर निशान लगा दिया था. हमने 3 घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया, और वह हमसे मिले बिना ही चली गई. यह क्या उसका दोष उसे अपने कृत्य को सही ठहराने के लिए बंगाल वापस आने पर मजबूर कर रहा है.
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पश्चिम बंगाल से पिछले साल अक्टूबर में तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल बकाया राशि के विरोध में दिल्ली गया था. तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पंचायत मंत्रालय के कार्यालय गए और धरना दिया . बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें उस दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया. तृणमूल ने शिकायत की कि कार्यालय जाने के बावजूद मंत्री उनसे नहीं मिले. पंचायत मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कोलकाता आकर दावा किया कि उस दिन ढाई घंटे तक इंतजार करने के बावजूद तृणमूल प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात नहीं की.