Safala Ekadashi 2022: सफला एकादशी पर बन रहा है ये शुभ योग, जरूर करें ये उपाय

Safala Ekadashi 2022: सफला एकादशी का व्रत 19 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. इस बार सफला एकादशी पर कई अति शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन के महत्व को बढ़ा रहे हैं. 16 दिसंबर को धनु राशि में जब बुध और सूर्य का मिलन होगा तो बुधादित्य योग होगा.

By Shaurya Punj | December 12, 2022 7:46 AM

Safala Ekadashi 2022:   पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. सफला से तात्पर्य सफलता, मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सारे कार्य सफल हो जाते हैं, इसलिए इसे सफला एकादशी कहा गया है. इस दिन भगवान अच्युत की पूजा की जाती है. सफला एकादशी का व्रत 19 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. इस बार सफला एकादशी पर कई अति शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन के महत्व को बढ़ा रहे हैं.

सफला एकादशी 2022 शुभ योग (Safala Ekadashi 2022 Shubh Yoga)

पंचांग के अनुसार ग्रहों के युवराज बुध 3 दिसंबर 2022 को धनु राशि में विराजमान हो चुके हैं और अब 16 दिसंबर 2022 को सूर्य देव भी धनु राशि में प्रवेश करेंगे. 16 दिसंबर को धनु राशि में जब बुध और सूर्य का मिलन होगा तो बुधादित्य योग होगा. इस शुभ योग का फायदा सभी राशियों को मिलता है. वहीं मकर राशि के स्वामी अपनी स्वराशि में विराजमान रहेंगे और गुरु अपनी ही राशि मीन में मौजूद रहेगें. इस दिन तीन राशियों में कई सालों बाद ऐसी स्थिति बन रही है.

सफला एकादशी पूजा विधि

  • सफला एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को इस दिन भगवान अच्युत की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इस व्रत की विधि इस प्रकार है-

  •  प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करना चाहिए.

  •  नारियल, सुपारी, आंवला अनार और लौंग आदि से भगवान अच्युत का पूजन करना चाहिए.

  •  इस दिन रात्रि में जागरण कर श्री हरि के नाम के भजन करने का बड़ा महत्व है.

  • व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिये.

सफला एकदशी का महत्व

सफला एकदशी का महत्व धार्मिक ग्रंथों में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच बातचीत के रूप में वर्णित है. मान्यता है कि 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ मिल कर भी इतना लाभ नहीं दे सकते जितना सफला एकदशी का व्रत रख कर मिल सकता हैं. सफला एकदशी का दिन एक ऐसे दिन के रूप में वर्णित है जिस दिन व्रत रखने से दुःख समाप्त होते हैं और भाग्य खुल जाता है. सफला एकदशी का व्रत रखने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं और सपने पूर्ण होने में मदद मिलती है.

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