भगवा रंग की दूसरी नयी दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन को दिखाई गयी हरी झंडी
उत्तरी रेलवे ने कहा, ट्रेन में यात्रा करते समय सूचना और मनोरंजन प्रदान करने वाला वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, रोशनी की एलईडी व्यवस्था, हर सीट के नीचे चार्जिंग सुविधा और हर सीट पर किताब पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर यात्री सुविधाएं हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी और नयी दिल्ली के बीच जिस दूसरी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, वह भगवा रंग की है और इसमें कई नयी विशेषताएं हैं. उत्तरी रेलवे ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह भगवा रंग की दूसरी वंदे भारत ट्रेन है जिसका संचालन रेल मंत्रालय देश में शुरू किया है. उत्तरी रेलवे ने प्रेस में जारी किए अपने बयान के साथ ही भगवा रंग की ट्रेन की एक तस्वीर भी शेयर की है.
उत्तरी रेलवे ने कहा, ट्रेन में यात्रा करते समय सूचना और मनोरंजन प्रदान करने वाला वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, रोशनी की एलईडी व्यवस्था, हर सीट के नीचे चार्जिंग सुविधा और हर सीट पर किताब पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर यात्री सुविधाएं हैं.
बयान में कहा गया है कि, ट्रेन में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए यूवी लैम्प के साथ बेहतर एयर कंडीशनिंग प्रणाली है. इसमें जलवायु परिस्थितियों/यात्रियों की संख्या के अनुसार एयर कंडीशनिंग को कम या ज्यादा करने की भी व्यवस्था है.
आज दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर इसे वाराणसी से नयी दिल्ली के लिए रवाना किया गया. बहरहाल, सामान्यत: यह ट्रेन केवल मंगलवार को छोड़कर हर सप्ताह में छह दिन सुबह 6 बजे वाराणसी से नयी दिल्ली के लिए रवाना होगी. ट्रेन दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर नयी दिल्ली पहुंचेगी और 55 मिनट बाद दोपहर 3 बजे वाराणसी के लिए रवाना होगी. वह रात 11 बजकर 5 मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचेगी.
अभी नयी दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन सुबह 6 बजे दिल्ली से रवाना होती है और दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचती है. यह दोपहर 3 बजे नयी दिल्ली के लिए रवाना होती है और रात 11 बजे गंतव्य पर पहुंचती है.
बता दें यह मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है. रेलवे ने केरल में कासरगोड और तिरुवंनतपुरम के बीच 24 सितंबर को पहली भगवा-ग्रे रंग की वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की थी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में पत्रकारों के साथ बातचीत में इस बात से इनकार कर दिया था कि वंदे भारत ट्रेन का रंग नारंगी या भगवा होने के पीछे कोई राजनीति है. उन्होंने कहा था कि रंगों का चुनाव पूरी तरह से वैज्ञानिक सोच के आधार पर होता है. उन्होंने कहा था, मनुष्य की आंखों को दो रंग सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं – पीला और नारंगी. यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों का रंग नारंगी या पीले और नारंगी के संयोजन वाला है.