Saharsa: निजी अस्पताल के चिकित्सक पर किडनी निकालने का आरोप, मानव अंग प्रत्यारोपण के तहत प्राथमिकी दर्ज
Saharsa: शहर के नया बाजार स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजय कुमार सिंह पर बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख निवासी रिंकी देवी ने पति दिनेश मुखिया की किडनी निकालने का आरोप लगाया है.
Saharsa: शहर के नया बाजार स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजय कुमार सिंह पर बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख निवासी रिंकी देवी ने पति दिनेश मुखिया की किडनी निकालने का आरोप लगाया है. मालूम हो कि इससे पहले भी परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर निजी क्लिनिक और चिकित्सक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.
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पेट में दर्द होने पर निजी नर्सिंग होम में कराया गया था भर्ती
आवेदन में उन्होंने कहा कि बीते 30 मार्च को पेट में दर्द होने पर पति को निजी नर्सिंग होम में डॉ अजय सिंह के पास लाया गया. डॉक्टर ने बताया कि उन्हें बायीं किडनी में पथरी हो गयी है. उन्हें जल्दी से ऑपरेशन करना होगा. वह तैयार हो गयी. दो अप्रैल को ऑपरेशन हुआ. लेकिन, पति की हालत नाजुक होते चली गयी. डॉक्टर से बार-बार विनती करती रही कि ऐसा क्यों हो रहा है? वे हमेशा बोलते रहे कि ठीक हो जायेगा. दस अप्रैल को छुट्टी दे दी गयी.
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पटना में बताया गया, किडनी निकाल ली गयी है, मरीज नहीं बचेगा
उनकी हालत और नाजुक होते चली गयी. दोबारा दिखाने गये, तो बदसलूकी करते हुए कहा गया कि यहां से भाग जाओ. जाओ, पटना में इलाज कराओ. वह एक गरीब महिला है. हाथ में पैसा नहीं रहने के कारण डॉक्टर से विनती करती रही. किसी तरह पटना गयी, तो वहां डॉक्टर साहब ने कहा कि यह अब नहीं बचेगा. उसकी किडनी निकाल ली गयी है. उन्होंने डॉक्टर अजय सिंह पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
जिलाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गयी
बिहरा थाने ने आवेदन को अग्रतर कार्रवाई के लिए सदर थाना भेज दिया है. जिलाधिकारी को दिये आवेदन में मृतक की पत्नी रिंकी देवी ने कार्रवाई की मांग की है. आवेदन में उन्होंने थाने में दी गयी बातों को दोहराते हुए पति की मृत्यु 23 मई को सदर अस्पताल में होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने उचित कार्रवाई की मांग की है.
चिकित्सक ने परिजन के आरोपों को बताया बेबुनियाद
घटना के संबंध में डॉ अजय सिंह ने कहा कि परिजन का आरोप बेबुनियाद हैं. यह सुनियोजित साजिश लग रहा है. मरीज हेपेटाइटिस बी का मरीज था. एनीमिया से भी ग्रसित था. पथरी के ऑपरेशन के दौरान पाया कि उसकी एक किडनी इंफेक्टेड थी. इसके बाद उसके परिजन को समझाया, तो उनकी अनुमति से किडनी को निकाल दिया गया.
खून की कमी होने परआईजीआईएमएस रेफर किया गया
खून की कमी के बारे में परिजन को बता दिया गया था कि यदि इससे खून घटता होगा, तो अब ठीक हो जायेगा, यदि बार-बार घटेगा, तो आईजीआईएमएस जाना होगा. पहली बार जब 15 दिन के बाद आया, तो सब कुछ ठीक था. दोबारा भी 15 दिन के बाद आया, तो सब कुछ ठीक था. तीसरी बार जब 15-16 मई को आया, तो जांच में हीमोग्लोबिन कम था. बहुत रिपोर्ट ठीक नहीं थी, तो उसे आईजीआईएमएस रेफर कर दिया गया. आरोप गलत है.
विभिन्न धाराओं समेत अंग प्रत्यारोपण के तहत मामला दर्ज : थानाध्यक्ष
इस बाबत सदर थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि सुसंगत धाराओं 304, 504, 506 आईपीसी और 18,19 ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन आर्गन एंड टिश्यू के तहत मामला दर्ज किया गया है. अनुसंधान किया जा रहा है. मामले की छानबीन के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी.