श्रावणी मेला 2022 : सहरसा का जालंधर धाम मंदिर बन रहा आस्था का केंद्र, लग रही है श्रद्धालुओं की भीड़
सहरसा का बाबा जालंधरधाम सावन के इस पावन महीने में आस्था का केंद्र बनता जा रहा है. यहां शिवलिंग पर श्रावण में मुंगेर के छड़ापट्टी से श्रद्धालुओं का जत्था जल उठाकर पांव पैदल चलकर जलाभिषेक करने आते हैं.
सावन का पावन माह शुरू हो चुका है. भोले के भक्त हर तरफ मंदिरों में अपने आराध्य की पूजा करने को जूट रहे हैं. ऐसे ही एक मंदिर है सहरसा के सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के गम्हरिया पंचायत के रामपुर गांव में जहां पूजा करने और जल चढ़ने के लिए लोग जुट रहे हैं. यह मंदिर है बाबा जालंधर धाम जो की आजकल आस्था का केंद्र बनता जा रहा है. इस शिवलिंग पर श्रावण में मुंगेर के छड़ापट्टी से श्रद्धालुओं का जत्था जल उठाकर पांव पैदल चलकर जलाभिषेक करते हैं.
क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी
इस संबंध में मंदिर के पुजारी गौरीशंकर ठाकुर उर्फ बाबा कहते हैं कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यानि त्रेतायुग में जालंधर नाम का पराक्रमी राक्षस ने बाबा का काफी अराधना की थी. भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया. गांव के बुजुर्गों ने बताया कि जब से होश संभाला हूं, तब से हम लोग बाबा जालंधर की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं.
कोरोना की वजह से नहीं हो पा रहा था जलाभिषेक
कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन को लेकर पिछले दो वर्षों से बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जा सका है. लेकिन इस बार श्रद्धालुओं के बीच बाबा जालंधर को मुंगेर के छड़ापट्टी से गंगाजल लाकर चढ़ाने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है.
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एक दिवसीय मेला का भी आयोजन
श्रावण में बाबा जालंधर धाम में एक दिवसीय मेला का भी आयोजन किया जाता है. जहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मिली जानकारी के अनुसार सहरसा जिले के सौरबाजार प्रखंड के अलावा सत्तर कटैया प्रखंड व मधेपुरा जिले के धैलाढ़ प्रखंड के बरदाहा गांव के सीमा पर अवस्थित बाबा जालंधर धाम स्वयं अंकुरित लिंग है. कहा जाता है कि बाबा जालंधर की सच्चे मन से आराधना करने पर श्रद्धालुओं की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है. जिले में इसके कई उदाहरण भी देखे गए हैं.