Sahibganj Violence: अमन-चैन का शहर है साहेबगंज, इसे जिंदा रखना हम सबकी जिम्मेदारी, डीसी-एसपी ने की अपील
साहिबगंज नगर थाना परिसर में डीसी और एसपी की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक में लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की गयी. डीसी ने कहा कि उपद्रवी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जायेंगे, वहीं एसपी ने कहा कि अमन-चैन का शहर है. शांति व्यवस्था बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है.
Sahibganj Violence: साहिबगंज नगर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता में डीसी रामनिवास यादव व एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने संयुक्त रूप से की. बैठक को संबोधित करते हुए डीसी में लोगों से बीते दिन विसर्जन जुलूस के दौरान हुई झड़प दोनों पक्षों के लोगों की बातें सुनी. उपद्रवियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. लोगों ने भविष्य में ऐसी घटना न हो. इसको रोकने के लिये सुझाव दिये. वहीं, डीसी ने कहा कि उपद्रवी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जायेंगे. एसपी ने कहा कि अमन-चैन का शहर है. सभी समुदाय के लोगों को डरना नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है. शांति व्यवस्था बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है.
मंगलवार की सुबह नौ बजे तक इंटरनेट सेवा बंद
वहीं, शहर समेत जिला के माहौल को देखते हुए डीसी के निर्देश पर इंटरनेट सेवा सोमवार दोपहर से बंद कर दी गयी. सभी कंपनियों की इंटरनेट सेवा मंगलवार सुबह नौ बजे तक के लिए बंद रही. मौके पर नप अध्यक्ष एसएन यादव, नप उपाध्यक्ष रामानंद साह, गणेश तिवारी, अवनर अली, रामजी ठाकुर, प्रिंस गुप्ता, नेजामद्दीन, मुर्शाद अली, अरसदर, राजू अंसारी, शाहजहां अंसारी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे.
डीसी और एसपी के नेतृत्व में निकला फ्लैग मार्च
साहिबगंज. शहर में डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया. मुख्य मार्ग, गली-मोहल्ला का भ्रमण किया. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शहर के एसडीओ वहां, एसडीपीओ वाहन का हूटर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बजते रहा. समय-समय पर गली मोहल्ला में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने और पेट्रोलिंग की.
शहर में उपद्रव को लेकर बंद रहे सरकारी व गैर-सरकारी विद्यालय
साहेबगंज. शहर के पटेल चौक स्थित बजरंग बली की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर देने के मामले को लेकर सोमवार को नगर के सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय बंद कर दिये गये. हालांकि संत जेवियर, प्रोविडेस स्कूल एवं संत माइकल स्कूल खुला रहा. जहां बच्चे पहुंचे. इसके बाद विद्यालय प्रशासन द्वारा सभी अभिभावकों को मोबाइल द्वारा अपने बच्चों को विद्यालय आकर ले जाने की सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही अभिभावक आनन-फानन में विद्यालय में पहुंचे और अपने-अपने बच्चों को लेकर घर लौट गये.