Jharkhand News (किरीबुरु- पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सेल की किरीबुरु खादान के दो सेलकर्मी उजेश्वर कुमार राय उर्फ गुड्डू एवं महेंद्र प्रताप सिंह उर्फ सोनू को सेल मैनेजमेंट द्वारा सस्पेंड करने का मामला तूल पकड़ा. विरोध में सभी यूनियन से जुड़े सेलकर्मियों ने 4-5 अप्रैल, 2021 की मध्य रात्रि करीब 10 बजे से इंटक नेता कामदेव मिश्रा के नेतृत्व में सेल की किरीबुरु खादान के प्लांट को बंद कर उत्पादन को ठप कर दिया है. इसके बाद सेल प्रबंधन और कर्मियों की बैठक में मिले आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म किया गया.
सेल की किरीबुरु खादान मामले को लेकर करीब शाम 6 बजे सेल मैनेजमेंट, यूनियन और सेलकर्मियों के साथ बैठक हुई. बैठक के बाद सेल के उप महाप्रबंधक अमित विश्वास एवं इंटक नेता कामदेव मिश्रा ने बताया की दोनों सस्पेंड सेलकर्मियों को 2 दिन तक सस्पेंड रखा जायेगा. साथ ही चार्जशीट उपलब्ध कराकर 2 दिन बाद दोनों को ड्यूटी ज्वाइन कराया जायेगा. जांच में जो बात सामने आयेगी उसी अनुसार मैनेजमेंट दोनों सेलकर्मियों के साथ कदम उठायेगी. लगभग 20 घंटे बाद किरीबुरु खादान में उत्पादन शुरू हुआ.
सेल की किरीबुरु खदान के 2 कर्मियों के सस्पेंड करने के बाद विरोध में अन्य कर्मियों ने काम ठप कर दिया है. खदान में उत्पादन ठप होने से सेल मैनेजमेंट को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. विरोध कर रहे सेलकर्मियाें ने सस्पेंड किये दोनों साथियों के सस्पेंशन को रद्द कर तत्काल वापस लेने एवं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है.
गत 4 मार्च, 2021 की दोपहर लगभग एक बजे सेलकर्मी उजेश्वर राय अपनी बीमार मां के इलाज के लिए सेल हॉस्पिटल के इनडोर में मौजूद डाॅ सरस्वती खलको के पास पहुंचा. उनकी मां बल्ड प्रेशर से ग्रसित थी. वह थोड़ा ऊंची आवाज में डाॅ खलको से बात किया कि आखिर आप लोग कैसा इलाज व दवा दे रहे हैं जिससे मेरी मां ठीक नहीं हो रही है. गुड्डू के साथ सेलकर्मी महेंद्र प्रताप सिंह भी थे तथा दोनों ने ऊंची आवाज में बात किये. इसके बाद डाॅ सरस्वती खलको ने इस घटना की जानकारी हॉस्पिटल के उच्च अधिकारियों को दी जिसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा CISF और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ किरीबुरु खदान के सीनियर मैनेजमेंट रमेश सिन्हा को बुलाया गया. इसके बाद मामला करीब-करीब खत्म हो गया.
बाद में रात्रि लगभग 8 बजे प्रबंधन के प्रशासनिक विभाग ने गुड्डू एवं सोनू के घर उनके सस्पेंशन संबंधित पत्र भेजा. इसके बाद सेलकर्मी नाराज होकर रात्रि पाली से प्लांट बंद कर उत्पादन ठप कर दिये हैं. कर्मियों के विरोध की जानकारी मिलने पर रात 2 बजे उप महाप्रबंधक अमित विश्वास एवं रमेश सिन्हा सेलकर्मियों से बात कर मामले का समाधान का प्रयास किया, लेकिन सेलकर्मी सस्पेंशन वापस लेने की मांग पर अड़े रहे. सुबह लगभग 4 बजे किरीबुरु के सीजीएम डीके बर्मन एवं महाप्रबंधक एसएस साहा जेनरल आफिस पहुंचे एवं सेलकर्मियों से मामले का समाधान पर बात किया, लेकिन बात नहीं बनी.
इस संबंध में इंटक के महासचिव कामदेव मिश्रा ने बताया कि प्लांट में काम करने वाले सेलकर्मी तेज आवाज में बात करने के आदि हो जाते हैं क्योंकि प्लांट में भारी मशीनों की तेज आवाज में रहते-रहते उन्हें सुनाई भी कम देने लगती है तथा आपस में बात तेज आवाज में करते हैं. उन्होंने कहा कि सेल हॉस्पिटल में महिला रोग, सर्जन, मेडिसिन, इएनटी, हड्डी रोग आदि के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं. एक्स-रे मशीन महीनों से खराब है. बेहतर दवाओं एवं चिकित्सा सुविधाओं का भारी अभाव है.
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल की बद्दतर हालात से सेलकर्मी एवं उनके आश्रित परेशान हैं. व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा रहा है. उलटे सेलकर्मियों को सस्पेंड कर उन्हें परेशान किया जा रहा है. प्रबंधन को दोनों निलम्बित सेलकर्मियों का पक्ष भी जान लेना चाहिए था ना कि एकतरफा कार्यवाही करना चाहिए था. जबतक सस्पेंशन वापस नहीं होता तब तक प्लांट एवं उत्पादन आदि बंद रहेगा.
इस मामले में किरीबुरु खादान के उप महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) अमित विश्वास ने कहा कि सेल अस्पताल की महिला चिकित्सक के साथ दोनों ने गलत बर्ताव किया है जिसके बाद प्रबंधन ने दोनों के खिलाफ उचित कार्यवाही करते हुए सस्पेंड किया है. सेलकर्मियों की मांग सस्पेंशन वापसी की है, लेकिन सेल मैनेजमेंट सस्पेंशन वापस नहीं लेगा. वहीं, अब सेलकर्मियों के खिलाफ नो वर्क नो पे का हम नोटिस जारी कर रहे हैं. इसमें जो ड्यूटी नहीं जायेंगे, उनका वेतन की राशि काटी जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.