Varanasi News: कश्मीरी पंडितों के साथ हुई ज्यादती को दर्शाती फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को काशी के संत समाज ने समर्थन देते हुए, प्रोत्साहित करते हुए फिल्म की पूरी टीम को काशी में सम्मानित करने का फैसला किया है. इस फिल्म के द्वारा जिस तरह से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को दर्शाया गया है, उसे जन- जन तक पहुंचाने के लिए काशी धर्म परिषद समाज के संतों ने अध्यक्ष महंत बालक दास के नेतृत्व में हाल में पहुंचकर फिल्म देखी.
इस दौरान हाल में मौजूद दर्शकों ने संत समाज को खुद के बीच पाकर उत्साहित होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए. फिल्म के कई दृश्यों को देखकर भावुक हो उठे संतों ने कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के दोषियों को फांसी देने के साथ ही तोड़े गए मंदिरों की सूची भी संत समाज को सौंपने की अपील की.
इन दिनों विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है. इस फिल्म में जिस तरह से कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार की कहानी दर्शायी गयी है. उस सच्चाई को देखकर काशी के संत समाज ने फिल्म को समर्थन देते हुए दर्शकों के साथ मूवी थियेटर में उपस्थित होकर पूरी फिल्म को देखा. काशी धर्म परिषद के संतों ने अध्यक्ष महंत बालक दास के नेतृत्व में हाल में पहुंचकर फिल्म देखी.
इस दौरान फिल्म में दिखाए गए वीभत्स दृश्यों में कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार, महिलाओं के साथ दुराचार, बच्चों की हत्या और महिलाओं को आरा मशीन से काटने की घटना को जीवंत देखकर संत मर्माहत हो गए. इन दृश्यों को देखकर संतों की आंख से आंसू निकल गए.
फिल्म देखने के बाद थियेटर से बाहर निकले काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के इतिहास का सच सामने आ गया है. नरसंहार के लिए इस्लामी आतंकवादी तो दोषी हैं ही, साथ में आतंकवादियों को समर्थन देने वाले नेता भी अपराधी हैं, जिन्होंने हिंदुओं को भगाकर उनके मकानों और बागानों पर कब्जा किया है, उनकी पूरी प्रॉपर्टी जब्त की जाए.
महंत बालक दास ने मांग की, कि काशी के संतों को कश्मीर भेजा जाए, जो यह पता कर सकें कि इस्लामी आतंकवादियों ने कितने मंदिर विध्वंस किये, अब वे किस हालात में हैं. कश्मीरी पंडितों की पुनर्स्थापना और मंदिरों का पुनर्निर्माण तत्काल प्रभाव से किया जाए. नरसंहार के दोषी यासीन मालिक और उसको पीएम ऑफिस में बुलाने वाले मनमोहन सिंह पर मुकदमा दर्ज किया जाए.
महंत बालक दास ने मांग की कि फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार किया जाए, जिन्होंने आतंकवादियों का सहयोग किया और कश्मीर से हिंदुओं का नरसंहार करने में मदद की. इतिहास में कांग्रेस और वामपंथियों को कभी क्षमा नहीं किया जाएगा, जो दिल्ली में बैठकर आतंकवादियों के पक्ष में माहौल बनाते रहे.
सभी संतों ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के इतिहास को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा. सनातन धर्म को पलायन की नहीं, बल्कि डटकर खड़े रहने की नीति अपनानी पड़ेगी. काशी का संत समाज जल्द ही राष्ट्रपति से मिलकर अपनी चिंता से उनको अवगत कराएगा. काशी धर्म परिषद ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक और उनकी टीम को काशी में सम्मानित करेगा.
Photo Report- Vipin Singh, Varanasi