Sakat Chauth 2021, Rules, Sankashti Chaturthi, Don’t Do These Things, Vrat, Puja Vidhi, Importance, Arghya Vidhi, Shubh Muhurat: सकट चौथ व्रत 31 जनवरी यानी आज मनाया जा रहा है. इस पर्व को लेकर मान्यताएं व महत्व है. इसे तिलकुट चौथ, संकटा चौथ, माघ चतुर्थी, संकष्टि चतुर्थी व गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यह पर्व संतान की दीर्घायु, निरोग रहने और सुख-समृद्धि के लिए जरूरी है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. कई लोग जाने अनजाने इस व्रत के दौरान कई गलतियां कर देते हैं. आइये जानते हैं संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) व्रत के दौरान किन चिजों को नहीं करना चाहिए. साथ ही जानें आज का शुभ-मुहूर्त, गणेश पूजा विधि, महत्व व मान्यताएं..
तुलसी न चढ़ाएं
सकट चौथ व्रत के दौरान भूलकर भी भगवान गणेश को तुलसी का भोग न चढ़ाएं. इससे आप पर उलटा असर पड़ सकता है. पूजा के दौरान व्रती महिलाएं उन्हें दुर्वा चढ़ाएं.
जमीन के अंदर उगने वाले खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भूल कर भी जमीन के अंदर उगने वाले खाद्य सामग्रियों का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे में मूली, प्याज, चुकंदर, गाजर जैसे सामग्रियों को न खाएं.
चांद अर्घ्य दिए बिना व्रत न तोड़ें
मान्यताओं की मानें तो सकट चौथ व्रत तब ही पूरा होता है जब चंद्रमा को अर्घ्य देते है. अत: बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए व्रत न तोड़ें.
शरीर पर ना पड़े पानी की छींटे
भगवान गणेश की पूजा के दौरान जब आप अर्घ्य दे रहे हो तो इस बात का खास ध्यान रखें कि अर्घ्य के जल के छींटे आपके पैर अथवा शरीर पर बिलकुल ना पड़ें.
काले रंग के कपड़े ना पहनें
किसी भी पूजा में काले वस्त्र का पहनना अशुभ माना जाता है. ऐसे में आज भी पूजा के दौरान आप काले वस्त्र धारण करने से बचें. पूजा के दौरान पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
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संतान के दीर्घायु के लिए आमतौर पर माताएं इस व्रत को प्राथमिकता से रखती हैं
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निरोग जीवन व्यतित करने के लिए भी यह व्रत जरूरी है.
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कुंडली में अशुभ प्रभाव कम होता है. चंद्र दोष वालों को शाम में चांद को अर्घ्य जरूर देना चाहिए.
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केतु के बुरे प्रभावों को भी इस व्रत से कम किया जा सकता है.
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गजकर्णक
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लंबोदर
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विकट
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विघ्न-नाश
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सुमुख
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एकदंत
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कपिल
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विनायक
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धूम्रकेतु
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गणाध्यक्ष
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भालचंद्र
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गजानन
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व्रत तिथि: रविवार, 31 जनवरी 2021
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शुभ मुहूर्त समय: 31 जनवरी, 2021 रात के 8 बजकर 24 मिनट से
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अर्घ्य देने का शुभ समय: रात 8 बजकर 40 मिनट पर
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शुभ मुहूर्त का अंतिम समय: 1 फरवरी, 2021 शाम 6 बजकर 24 मिनट तक
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सुबह उठकर, स्नान कर लें,
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साफ कपड़े पहनकर गणेशा जी की मिट्टी की मुर्ति या तसवीर को पवित्र गंगा जल से स्नान कराएं.
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विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें.
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सूर्यास्त के बाद संभव हो तो दोबारा स्नान करें या गंगा जल से छिड़काव कर लें, स्वच्छ वस्त्र भी पहनें.
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अब गणेश जी की मूर्ति के पास कलश में जल भरकर रख दें
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फिर धूप-दीप, नैवेद्य, लड्डू, तिल, अमरूद, गुड़ आदि का भोग लगाएं.
Posted By: Sumit Kumar Verma