Bareilly : सियासी दल लोकसभा चुनाव, 2024 की तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन बरेली समाजवादी पार्टी (सपा) में गुटबाजी और कलह खत्म नहीं हो रही है. मगर, अब सपा की मासिक बैठक में सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप और पूर्व विधायक सुल्तान बेग के बीच जमकर कहासुनी हुई. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ है, लेकिन अब यह मामला हाईकमान तक पहुंच गया है. इससे संगठन पर गाज गिरने की उम्मीद जताई जा रही है.
बरेली सपा में संगठन का काफी विरोध है. हर मीटिंग में किसी न किसी की कहासुनी होती है. मगर, इस बार सपा के पूर्व विधायक सुल्तान बेग ने अपने संबोधन की शुरुआत सख्त लहजे में की. बोले, मेरी विधानसभा की नगर पंचायत शाही में 9 बार से सपा के चेयरमैन थे. मगर, अचानक टिकट काट दिया. मैंने लिखकर दिया था. उसको टिकट नहीं दिया. सपा ने बसपा की मरहूम पूर्व चेयरमैन के बेटे को टिकट दिया. यहां सपा 5 वें नंबर पर आ गई.
नगर पंचायत फतेहगंज पश्चिमी में भी सपा ने नए आदमी को टिकट दे दिया. वह 350 वोट नहीं ले पाया. मीरगंज विधानसभा से 3 बार के पूर्व विधायक सुल्तान बेग ने निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कई बातें बताई, लेकिन इसी बीच जिलाध्यक्ष शिव चरण कश्यप खड़े हो गए. बोले, विधायक शहजिल इस्लाम ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से टिकट कराया था. इस पर पूर्व विधायक बोले, 35 लाख रूपये लिए थे.
इससे खफा जिलाध्यक्ष बोले, इन्हें हिस्सा नहीं मिला. इसलिए आरोप लगा रहे हैं. मगर, जिलाध्यक्ष ने टिकट वितरण की बात घूमाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला कहकर पूर्व विधायक से सख्त लहजे में बैठने को कहा. इससे काफी देर तक कहासुनी हुई. दोनों के समर्थक नारेबाजी करने लगे. यह हंगामा काफी देर तक चलता रहा.
सपा बैठक में हंगामा होने लगा. इसके बाद जिला महासचिव संजीव यादव, पूर्व विधायक विजय पाल सिंह, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरविंद यादव आदि ने दोनों को शांत किया. इसके बाद हंगामा करने वाले समर्थकों को शांत किया. मगर, इसके बाद बैठक में अफरा तफरी मची रही.
मासिक बैठक शुरू होने से पहले ही जिलाध्यक्ष ने जिला महासचिव संजीव यादव के बजाय महनगर महासचिव दीपका शर्मा से संचालन को कहा. इस पर भी लोगों ने नाराजगी जताई. बोले,जब जिला महासचिव मौजूद हैं, तो फिर महानगर महासचिव से संचालन नहीं कराना चाहिए. मगर, यह मामला शांत नहीं हुआ था. इससे पहले ही पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष भीड़ गए.
विधान सभा चुनाव से लेकर नगर निकाय चुनाव तक में पार्टी को करारी शिकस्त मिली है. निकाय चुनाव में सपा बहेड़ी नगर पालिका की सीट हार गई थी. इसके साथ ही कई नगर पंचायत में भी हार मिली है. बरेली नगर निगम में मेयर प्रत्याशी की पहले से भी बुरी हार हुई है. इसके साथ ही पिछली बार 2 दर्जन से अधिक पार्षद जोते थे लेकिन इस बार घटकर एक दर्जन तक ही पहुंच पाएं हैं.
निकाय चुनाव में नगर पालिका, नगर पंचायत और पार्षदों के टिकट रूपये लेकर देने के आरोप काफी समय से लग रहे हैं. बरेली में पार्षदों के टिकट के नाम पर रूपये लेने का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. इसके साथ ही हर मीटिंग में रूपये लेकर टिकट को लेकर हंगामा हो रहा है. टिकट वितरण से खफा कई पार्टी के पुराने लोग पार्टी भी छोड़ चुके हैं.
सपा के एक दिग्गज नेता ने दबी जुंबा से बताया कि पहले पार्टी में अनुशासन था. पार्टी के सीनियर नेताओं को सम्मान मिलता था. मगर, अब संगठन के लोग ही किसी को सम्मान नहीं देते. इसलिए पार्टी के प्रमुख नेताओं ने अपनी इज्जत बचाने के लिए मीटिंग में जाना छोड़ दिया है. पार्टी मुखिया को बरेली का संगठन भंग कर देना चाहिए. इसके बाद ही पार्टी के हालात सुधर सकेंगे.
पूर्व विधायक सुल्तान बेग ने कहा कि मैंने सिर्फ यह कहा कि निकाय चुनाव में हमारी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है. हमें अधिक मेहनत के साथ सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना होगा.
सपा जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप ने बैठक में कहा कि पूर्व विधायक के कहने पर शीशगढ़, मीरगंज के टिकट दे दिए गए. मगर,शाही और शेरगढ़ का टिकट नहीं दिया गया. उन्हें बताया गया कि सभी टिकट लखनऊ से फाइनल हुए हैं.
सपा की मासिक बैठक में जमकर कहासुनी हुई है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को भी भेजा गया है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने पूरे मामले की जानकारी ली है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली