मेरठ: सपा विधायक अतुल प्रधान का अनशन जारी, संपत्ति की जानकारी देकर डॉक्टरों को दी चुनौती, जानें क्या बोले
मेरठ में समाजवादी पार्टी के सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने प्राइवेट अस्पतालो में चल रही आम जनता से लूट खसौट पर लगाम कसने के लिए तीन दिन से कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं.
यूपी के मेरठ में समाजवादी पार्टी के सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने प्राइवेट अस्पतालो में चल रही आम जनता से लूट खसौट पर लगाम कसने के लिए तीन दिन से कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने आईएमए चिकित्सकों द्वारा लगाए गये आरोप के बाद अपनी सम्पत्ति को सार्वजिनक करते हुए खुली चुनौती दी है. उन्होनें कहा कि डॉक्टर में दम है तो अपनी सम्पित्त को भी सार्वजनिक करके दिखाए. अतुल प्रधान ने आईएमए चिकित्सकों के द्वारा दिए जा रहे इनकम टैक्स व जीएसटी की जांच की मांग दोनो विभागों से की है. आंदोलन को तेज करने के लिए उन्होंने आगामी 11 दिसम्बर को महापंचायत भी बुलाई है. दरअसल, न्यूटिमा अस्पताल से शुरू हुआ विवाद अब सपा विधायक अतुल प्रधान और प्राइवेट डॉक्टरों के बीच और तेज होता नजर आ रहा है. प्राइवेट डॉक्टरों के आरोपों के बाद विधायक ने एफिडेविट देकर अपनी पैतृक और निजी संपत्ति को सार्वजनिक कर दिया है. साथ ही यह एलान किया है कि अगर एफिडेविट से अलग कोई भी मेरी संपत्ति हो तो सरकार उसे जब्त कर ले.
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पूरी कमाई का ब्यौरा दें- सपा विधायक
विधायक अतुल प्रधान ने डॉक्टरों को चुनौती दी है कि अब डॉक्टर भी अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करें और पूरी कमाई का ब्यौरा दें. उन्होंने ये भी मांग कर डाली कि ओपीडी करने वाले प्राइवेट डॉक्टर की जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग जांच करें और इनके ऑफिस में बैठ जाएं. चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि मैं अकेला और सारे प्राइवेट डॉक्टर्स खुले मंच पर जनता के बीच डिबेट कर लें. इतना ही नहीं 11 दिसंबर को आमरण अनशन स्थल पर अतुल प्रधान ने महापंचायत का भी ऐलान कर दिया है, जिसमें हजारों लोगों के जुटने का दावा किया है.
विधायक ने जनता से आह्वान किया है की प्राइवेट डॉक्टरों की सद्बुद्धि के लिए अपने घर के बाहर दो मोमबत्ती भी जलाएं, उन्होंने आरोप लगा कि निजी अस्पतालों में लूट बढ़ी है. और कितने हॉस्पिटल बिल से 70 प्रतिशत तक ज्यादा वसूल रहें हैं और मैं इन्ही कमजोर की तरफ खड़ा हूं. उन्होंने ये भी कहा कि कई डॉक्टर अपने पेशे पर कलंक हैं. उन्होंने कहा कोरोना काल में शहर के प्राइवेट डाक्टरों ने अपनी फीस पांच रूपये से एक हजार कर दी है. उन्होंने मांग की है कि शहर के चिकित्सकों को ओपीडी में देखने की फीस दो सौ रूपये होनी चाहिए. एक -एक चिकित्सक अपनी ओपीडी में सौ से अधिक मरीज देखता है. इसके अतिरिक्त चिकित्सकों के मरीज अस्पतालों में भर्ती रहते है. उनकी विजिट भी काफी होती है.
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अनशन के समर्थन में बहन भी पहुंची
कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठे विधायक अतुल प्रधान की बहन डा रजीता भी पहुंची. उनका बेटा भाई के साथ सोता था. भाई के अनशन पर बैठने के कारण वह रात को ठीक से सो नहीं पा रहा है. उन्होंने बताया वह भाई के साथ सोता था. उन्होंने कहा उनका भाई आम जनता की लड़ाई लड़ रहा है. ऐसे में आम जनता को आगे आना चाहिए है. जिनके खुन पसीने की कमाई को प्राइवेट चिकित्सक जांच के नाम पर लूट रहे है.
जानें डॉक्टरों ने क्या कहा
वहीं न्यूटिमा के प्रबंधकों में से एक डॉ. विश्वजीत बैंबी ने कहना है कि डॉक्टरों को लुटेरा, चोर-डकैत कहने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. हमें गुंडों का भय नहीं है, जो चरित्रवान होता है उसे छेड़ना नहीं चाहिए वरना ऐसे ही लोग एकजुट होते हैं. ये योगीराज है, जो हम खुलकर अपनी बात कह पा रहे हैं. वह अपने लिए सही आवाज उठा रहे हैं. सपा के उन जनप्रतिनिधियों का आभार जो अतुल प्रधान के पक्ष में नहीं आए और मौन रहकर हमें समर्थन दिया. उन्होंने रालोद, कांग्रेस का भी आभार जताया जिन्होंने अतुल का समर्थन नहीं किया. न्यूटिमा के डॉ. अमित उपाध्याय ने कहा कि शहर को हेट सिटी बनाया जा रहा है. डॉक्टर लुटेरे के पोस्टर, बैनर आखिर क्यों जिला प्रशासन ने लगने दिए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमेशा मरीज का भला चाहता है. अतुल प्रधान होश में आओ, आईएमए जिंदाबाद के लगे नारे. उन्होंने कहा कि 750 लोगों को रोजगार मिल रहा है. ये भीड़ बुलाई नहीं गई ,खुद अस्पताल स्टाफ और उनके परिजन आए हैं.
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