संबलपुर : जादू-टोना के शक में शुकरू माझी की पीट-पीट कर हत्या
ओडिशा के संबलपुर में जादू-टोना के शक में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी. उस शख्स की उम्र 50 वर्ष और नाम शुकरू माझी बताया गया है. शुकरू की पत्नी ने बताया है कि रात में घर में घुसकर कई लोगों ने लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला किया.
Odisha News Today: जादू-टोना और अंधविश्वास को खत्म करने की तमाम कोशिशों के बावजूद इसे नियंत्रित नहीं किया जा सका है. खासकर पिछड़े राज्यों में, जहां साक्षरता दर बहुत कम है. झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्यों में शुमार हैं, जहां आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग जादू-टोना में विश्वास करते हैं. इस अंधविश्वास की वजह से कई लोगों को बेवजह अपनी जान गंवानी पड़ती है.
50 वर्षीय व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला
ऐसा ही एक मामला ओडिशा के संबलपुर जिले में सामने आया है. जिले के एक गांव में कथित तौर पर जादू-टोना करने के मामले में 50 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि घटना किसिंडा पुलिस थाना अंतर्गत डिमिरिकुडा गांव में सोमवार को घटी.
आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया
पुलिस ने बताया कि जिस समय घटना हुई, उस समय शुकरू माझी अपने घर पर था. लोगों को शक था कि वह जादू-टोना करता है. ओडिशा के रायराखोल उप संभागीय पुलिस अधिकारी पीके मेहर ने कहा कि इस मामले में 32 वर्षीय आरोपी को पुलिस ने मंगलवार की रात को हिरासत में ले लिया. आरोपी पीड़ित का पड़ोसी ही है.
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घर में घुसकर शुकरू माझी को मार डाला
अधिकारी ने बताया कि करीब चार वर्ष पहले अपने चार साल के बच्चे को खोने वाले आरोपी को शुकुरू माझी पर काला जादू करने का शक था. इसको लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद हुआ करता था. माझी की पत्नी ने थाने में जो शिकायत दर्ज करायी है, उसमें उसने कहा है कि सोमवार रात करीब चार-पांच लोग लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी लेकर उनके घर में घुस गये. सभी ने मिलकर शुकरू माझी पर बेरहमी से हमला कर दिया.
लाठियां और कुल्हाड़ी पुलिस ने बरामद की
किसिंडा थाने में प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) अंजलि कुंभर ने कहा, ‘हमने आरोपी को हिरासत में ले लिया है. मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है.’ पुलिस ने यह भी बताया कि मौके से लाठियां और कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली गयीं हैं.
ओडिशा के 30 में से 12 जिलों में है अंधविश्वास
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के 30 जिलों में से 12 जिलों में जादू-टोना और डायन-बिसाही के मामले अब भी बहुत ज्यादा हैं. खासकर क्योंझर, मयूरभंज, सुंदरगढ़, मलकानगिरि, गजपति और गंजम जिले में. यहां किसी के बीमार पड़ने या सूखा पड़ने पर जादू-टोना करने और डायन-बिसाही के शक में लोगों की हत्या कर दी जाती है. ऐसे मामलों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि 24.5 फीसदी लोगों की हत्या जमीन पर कब्जा करने के लिए कर दी गयी. 5 फीसदी हत्या के मामले फसल खराब होने से जुड़े थे.
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शक के आधार पर हो जाती है लोगों की हत्या
अध्ययन में कहा गया कि अंधविश्वास में होने वाली हत्या के 27 फीसदी मामले बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े थे, जबकि 43.5 फीसदी मामले परिवार के वयस्क लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े थे. अगर किसी बच्चे की या परिवार के किसी वयस्क सदस्य की मौत हो जाये और उसे किसी पर जादू-टोना करने का शक हो, तो वह अपने लोगों के साथ मिलकर शक के आधार पर उसकी हत्या कर देते हैं.
102 मामलों के अध्ययन के बाद निकला निष्कर्ष
एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ओडिशा स्टेट कमीशन फॉर वीमेन एंड एक्शन एड ने ‘विच हंटिंग इन ओडिशा’ की रिपोर्ट में ये बातें कहीं थीं. दिसंबर 2021 में जारी हुई इस रिपोर्ट में बताया गया था कि रिपोर्ट का निष्कर्ष 102 मामलों के अध्ययन के बाद निकाला गया है. ये मामले ओडिशा के अलग-अलग जिलों से लिये गये थे.
भारत के 12 राज्यों में फैला है अंधविश्वास
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सिर्फ ओडिशा समेत देश के कम से कम एक दर्जन राज्यों में आज भी डायन-बिसाही के मामले सामने आते हैं. यानी इन राज्यों में अंधविश्वास अब भी कायम है. इनमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और महाराष्ट्र शामिल हैं.
झारखंड में डायन-बिसाही के सबसे ज्यादा मामले
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि 12 राज्यों में से सबसे ज्यादा डायन-बिसाही की घटनाएं झारखंड में होती हैं. ओडिशा से भी ज्यादा. जादू-टोना के मामले में झारखंड के बाद ओडिशा दूसरे नंबर पर है. वर्ष 2016 में ओडिशा में ऐसी घटनाओं में 25 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था, जबकि वर्ष 2017 और 2018 में 18-18 लोगों की, वर्ष 2019 में 19 लोगों की हत्या कर दी गयी थी.