20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Crime: संभल में पुलिस प्रताड़ना से खुदकुशी को बताया सर्पदंश, थाना प्रभारी सहित चार लाइन हाजिर, जांच शुरू

यूपी के संभल में पुलिसकर्मियों की हरकत से पूरा महकमा शर्मसार हुआ है. यहां पुलिस के उत्पीड़न से आहत होकर युवक के खुदकुशी करने पर उसकी मौत को सर्पदंश साबित करने का प्रयास किया गया. जांच में थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. वहीं आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भी एक्शन लिया जा रहा है.

Sambhal News: संभल जनपद में कैलादेवी थाना क्षेत्र के सोभापुर मिलक गांव निवासी धर्मवीर की मौत के मामले में पुलिसकर्मियों का बड़ा कारनामा उजागार हुआ है. धर्मवीर की मौत सांप के काटने से नहीं हुई थी, बल्कि उसने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी की थी. पुलिस अपनी गर्दन बचाने के लिए इसे सांप से काटने के कारण मौत का मामला बता रही थी.

मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद एसपी देहात संभल से जांच कराई गई, जिसमें कैलादेवी थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. इसके बाद डीआईजी के आदेश पर सभी को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसके साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच बिजनौर के एएसपी को सौंपी गई है.

बताया जा रहा है कि धर्मवीर और उसके गांव के अन्य लोगों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली से चामुंडा मंदिर में भराव डाला था. उन्होंने पुलिस कर्मियों से दस हजार रुपये में भराव डालने का ठेका लिया था. इसके लिए तीन हजार रुपए एडवांस दिए गए थे. इसके बाद धर्मवीर अन्य ग्रामीणों के साथ भराव डालने लगा.

Also Read: मायावती बोलीं- धार्मिक विवादों को छूट दे रहीं BJP सरकारें, बसपा ऑफिस से हटाई गईं अंबेडकर-कांशीराम की मूर्तियां

इस बीच पुलिस कर्मी ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत सभी को पकड़कर थाने ले गए. आरोप है कि उन्होंने धर्मवीर की पिटाई भी की. इसके बाद उसे छोड़ दिया गया. धर्मवीर ने घर पहुंचकर अपनी मां को इसकी जानकारी दी. उसने पुलिसकर्मियों द्वारा रुपए मांगे जाने और नहीं देने पर दोबारा मारपीट की धमकी के बारे में भी बताया.

इसके बाद धर्मवीर अपने निर्माणाधीन मकान में सोने चला गया. अगले दिन उसका शव वहां लटका मिला. घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा में सर्पदंश लिखकर मामले को दबाने का प्रयास किया. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सर्पदंश लिखवाया गया.

पुलिस की इस हरकत की जानकारी शासन तक पहुंचने पर डीआईजी शलभ माथुर ने एसपी देहात संदीप कुमार मीना से मामले की जांच कराई. जांच में पुलिस कर्मियों पर लगाए गए आरोप सही पाए गए. एसपी देहात ने ग्रामीणों, परिजनों के बयान और घटनास्थल की जांच ​पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट डीआईजी को सौंपी.

इसमें कैलादेवी थाना प्रभारी संजीव कुमार, दारोगा राशिद, हेड कांस्टेबल विनेश कुमार और कांस्टेबल अमित कुमार दोषी पाए गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर चारों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसके अलावा डीआईजी ने सभी के खिलाफ विभागीय जांच एएसपी बिजनौर को सौंपी है.

डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि मामले में सीओ जितेंद्र सिंह, एएसपी श्रीशचंद्र की भूमिका सीधे तौर पर सामने नहीं आई है. लेकिन, उनके पर्यवेक्षण में लापरवाही जरूर हुई है. इसलिए दोनों अफसरों को चेतावनी दी गई है. भविष्य में इस तरह की लापरवाही पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

इस बीच आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है. डॉक्टर ने पंचनामा के आधार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर दी और सर्पदंश का जिक्र किया. खास बात है कि पोस्टमार्टम में जीभ बाहर निकलने का जिक्र किया गया था. जबकि, सांप के काटने से मौत होने पर जीभ बाहर नहीं निकलती है. डीआईजी ने बताया कि इस संबंध में संभल के मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है. नियमानुसार विभाग कार्रवाई करेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें