Solar City Sanchi: सांची मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक छोटा सा गांव है. यह बेतवा नदी के तट पर स्थित है और भोपाल से 46 किमी पूर्वोत्तर में है. सांची में कई बौद्ध स्मारक हैं, जिनमें कई स्तूप शामिल हैं. सांची स्तूप भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचना माना जाता है. इसे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा डिजाइन किया गया था.
सांची स्तूप एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यह पर्यटकों के लिए लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है. इस बीच यह शहर भारत का पहला ‘सौर शहर’ बनने की राह पर है. जी हां आपने सही सुना. स्तूप नगर सांची जल्द ही भारत का पहला ‘सौर शहर’ बनेगा.
सांची में घूमने के लिए जगह
उदयगिरि गुफाएं (Udayagiri Caves) भारत के मध्यप्रदेश राज्य में स्थित हैं और ये प्राचीन गुफाएं हैं जो बौद्ध और जैन धर्मों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक हैं. उदयगिरि का नाम संस्कृत में “उदय” और “गिरि” से मिलकर बना है, जिसका मतलब होता है “सूर्योदय की पहाड़ियाँ”. उदयगिरि गुफाएं मौर्य और गुप्त वंशों के समय में खुदाई गई थीं और यहाँ पर कई गुफाएं हैं, जो चित्रित और संवादित हैं. इनमें से कुछ गुफाएं बौद्ध धर्म के विशेष महत्व के स्थल हैं, जबकि अन्य गुफाएं जैन धर्म के समर्पित हैं. इन गुफाओं में विभिन्न धार्मिक चित्रण, मूर्तियाँ, और धार्मिक शृंगारिकता के प्रतीक देखे जा सकते हैं. यह गुफाएं ऐतिहासिक, धार्मिक और कला के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और वे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उदयगिरि गुफाएं सांची के पास स्थित हैं.
बुद्ध जम्बूद्वीप पार्क (Buddha Jamboodweep Park) सांची, मध्यप्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो बौद्ध धर्म के महात्मा बुद्ध के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं को स्मरण करता है. यह पार्क बुद्ध जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यहाँ पर कई बौद्ध स्तूप और मूर्तियाँ हैं जो बौद्ध धर्म के प्रमुख संबंधित स्थलों को प्रतिनिधित करती हैं. इस पार्क के मुख्य आकर्षण में से एक है “अशोक पिल्लर” (Ashoka Pillar), जो मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए स्थापित किया गया था. यह पिल्लर अपने उच्च स्तर की वास्तुकला और प्राचीन ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. बुद्ध जम्बूद्वीप पार्क में अन्य धार्मिक स्थलों के साथ-साथ बौद्ध स्तूप, चैत्यालय, और विहारों की बहुतात्मक समृद्धि होती है, जो पर्यटकों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ सौंदर्य का आनंद देने के लिए हैं.
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भीमबेटका शैलाश्रय (Bhimbetka Rock Shelters) मध्यप्रदेश में स्थित है और यह एक प्राचीन गुफा और छायाचित्रकला स्थल है जो प्राचीन मानव सभ्यता के उत्थान और विकास का महत्वपूर्ण प्रमाण है. यह स्थल भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है और 2003 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त किया है. भीमबेटका शैलाश्रय में लगभग 700 गुफाएं हैं, जिनमें प्राचीन मानव समुदायों के चित्रित और चित्रित पत्थर, छायाचित्रकला और ग्राफिटि मिलती हैं. इन छायाचित्रों में प्राचीन मानव समुदायों की जीवनशैली, जीवनक्रियाएँ और परिवारिक जीवन का विवरण होता है, जो लाखों वर्ष पूर्व के हैं. इन गुफाओं में पाए गए छायाचित्र और चित्रित पत्थर आधुनिक मानव इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हैं. बता दें भीमबेटका शैलाश्रय एक प्रमुख पर्यटन स्थल है.