2000 KM की पदयात्रा पर निकले बंगाल के संचित दास पहुंचे गिरिडीह, बोले- पर्यावरण को बचाना मुख्य उद्देश्य
jharkhand news: बंगाल के संचित दास 2000 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले हैं. प्रदूषण मुक्त समाज और पर्यावरण को बचाने की अपील लोगों से कर रहे हैं. उत्तराखंड के गोमुख से शुरू हुआ यह अभियान बंगाल के हुगली में खत्म होगा. बुधवार को संचित दास गिरिडीह के बगोदर पहुंचे.
Jharkhand news: प्रदूषण से हो रहे दुष्परिणाम से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पश्चिमी बंगाल के हुगली निवासी 65 वर्षीय संचित दास 2000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकले हैं. इसी क्रम में बुधवार को गिरिडीह के बगोदर पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित किया. साथ ही कहा कि बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से लोगों के बीच जागरूकता लाना है.
बता दें गत एक अक्टूबर को उतराखंड के गोमुख से 2000 किमी की पैदल यात्रा कर रहे हैं संचित दास. तिरंगा और बैनल लिये संचित दास जगह-जगह लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बुधवार को बगोदर पहुंचने पर लोगों ने इनका स्वागत किया. वहीं, समाजसेवी भारत गुप्ता और रूपेश जायसवाल ने ठहरने का इंतजाम भी कराया.
इस दौरान प्रभात खबर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आज पूरे देश में प्रदूषण से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. लोग प्लास्टिक की थैलियों में सामान घर लाकर खुद को बीमार कर रहे हैं. कहा कि पदयात्रा के दौरान लोगों से प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को बचाने की अपील कर रहे हैं. यह अभियान 3-4 महीने तक चलकर पश्चिम बंगाल के हुगली में संपन्न होगा.
श्री दास ने कहा कि हर दिन 20 से 25 किलोमीटर की पदयात्रा होती है. जहां शाम ढलती है वहीं पर विश्राम करते हैं. साथ ही कहा कि देश व समाज को प्रदूषण मुक्त बनाने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह संकल्प लिया गया है. कहा कि सफर के दौरान हर जगह लोगों का सहयोग मिला. वहीं, उनके कार्य को लोग सराह भी रहे हैं. साथ ही अपील करने का सकारात्मक जवाब भी मिल रहा है. उत्तराखंड से लेकर बिहार और झारखंड के हर इलाके से गुजरने के दौरान लोगों का काफी सहयोग रहा है.
रिपोर्ट: कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह.