कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पिछले माह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुये हमले की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राज्य पुलिस के संयुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के एकल पीठ के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी. मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ईडी की अपील पर यह आदेश दिया. ईडी ने अपनी याचिका में मामले की जांच केवल सीबीआई से कराने की अपील की थी.
कथित राशन वितरण घोटाला मामले में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों की एक टीम जब संदेशखाली में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के आवास की तलाशी लेने गई थी उसी दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था, जिसमें एजेंसी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे. खंडपीठ ने एकल पीठ के निर्देश पर रोक लगाने का आदेश दिया. अदालत ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई छह मार्च को दोबारा होगी.
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न्यायाधीश जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस के एक-एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था. ईडी ने अपनी याचिका में दावा किया कि राज्य पुलिस स्वतंत्र रूप से जांच नहीं कर पाएगी क्योंकि एक मंत्री कथित तौर पर घोटाले में शामिल है। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि इसमें 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. शाहजहां शेख के गांव में ईडी पर हुए हमले की जांच में एक महीने की देरी हो गई है. बुधवार को हाई कोर्ट ने उस मामले से जुड़े एक आदेश पर 6 मार्च तक रोक लगा दी है. ईडी की टीम पर संदेशखाली में हमला किया गया था.
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