Sankashti Chaturthi List: साल 2024 में कब-कब है संकष्टी चतुर्थी, जानें सही तारीख-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Sankashti Chaturthi 2024 List: संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा से मनाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है.

By Radheshyam Kushwaha | December 20, 2023 1:09 PM
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Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है. संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. गणेश जी बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं, इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी. संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’. इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करते हैं. पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है, इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है. आइए जानते है साल 2024 में कब और किस तारीख को संकष्टी चतुर्थी है, इसके साथ ही पूजा विधि और महत्व…


कब है संकष्टी चतुर्थी ?

संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा से मनाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, वहीं अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की आराधना करने के लिए विशेष दिन माना गया है. शास्त्रों के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी बहुत शुभ होती है. यह दिन भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है. धर्म की खबरें

संकष्टी चतुर्थी के अलग-अलग नाम

भगवान गणेश को समर्पित इस त्योहार में श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाईओं और बुरे समय से मुक्ति पाने के लिए उनकी पूजा-अर्चना और उपवास करते हैं. संकष्टी चतुर्थी को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. कई जगहों पर इसे संकट हारा कहते हैं तो कहीं-कहीं सकट चौथ के नाम से जाना जाता है. यदि किसी महीने में यह पर्व मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है. अंगारकी चतुर्थी 6 महीनों में एक बार आती है और इस दिन व्रत करने से जातक को पूरे संकष्टी का लाभ मिल जाता है. दक्षिण भारत में लोग इस दिन को बहुत उत्साह और उल्लास से मनाते हैं.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं

  • स्नान कर इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करें.

  • इसके बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें.

  • गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए.

  • सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें.

  • पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी , धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें.

  • गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें.

  • संकष्टी को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं.

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संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है. गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं.

2024 में संकष्टी चतुर्थी कब कब है?

  • 29 जनवरी 2024 दिन सोमवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 28 फरवरी 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 28 मार्च 2024 दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 27 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 26 मई 2024 दिन रविवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 25 जून 2024 दिन मंगलवार को अंगारकी चतुर्थी

  • 24 जुलाई 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 22 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 21 सितंबर 2024 दिन शनिवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 18 नवंबर 2024 दिन सोमवार को संकष्टी चतुर्थी

  • 18 दिसंबर 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी

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