Varanasi News: संस्कृत के ख्यातिलब्ध विद्वान और पद्मश्री सम्मानित प्रो. भगीरथ प्रसाद त्रिपाठी वागीश शास्त्री का बुधवार की देर रात निधन हो गया. 89 वर्षीय पं. शास्त्री काफी समय से बीमार चल रहे थे. रवींद्रपुरी एक्स्टेंशन स्थित निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से काशी का संस्कृत समाज मर्माहत है. गुरुवार को उनकी अंतिम यात्रा शिवाला स्थित आवास से निकलेगी.
पद्मश्री वागीश शास्त्री के ज्येष्ठ पुत्र आशापति शास्त्री ने बताया कि वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे. सोमवार को उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो गई थी तो चिकित्सकों ने उनको वेंटीलेटर पर रखा था. मंगलवार को उनकी हालत में सुधार हो रहा था. बुधवार की देर शाम को फिर से अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और रात 10:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. वर्ष 2018 में पद्मश्री से सम्मानित पं. वागीश शास्त्री संस्कृत, साहित्य, व्याकरण, भाषा-वैज्ञानिक और तंत्र विद्या में योगदान के लिए विख्यात थे.
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 1970 में अनुसंधान संस्थान के निदेशक के पद पर उनकी नियुक्ति हुई. 1996 तक यहां अनुसंधान और अध्यापन कार्य के साथ उन्होंने कई ग्रंथों का लेखन और संपादन किया. राष्ट्रपति के ‘सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट’ के अलावा उन्हें 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यशभारती सम्मान और इसी वर्ष संस्कृत संस्थान की तरफ से विश्व भारती सम्मान भी मिला. उनकी अंतिम यात्रा सुबह नौ से 10 के बीच शिवाला स्थित आवास से हरिश्चंद्र घाट के लिए निकलेगी.
रिपोर्ट : विपिन सिंह