Saphala Ekadashi 2022: आज है सफला एकादशी, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Saphala Ekadashi 2022: सफला एकादशी आज 19 दिसंबर, दिन सोमवार को है.सफला एकादशी का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इस एकादशी को सफलता दिलाने वाली एकादशी के रूप में भी जाना जाता है. सफला एकादशी व्रत का पारण 20 दिसंबर सुबह 08 बजकर 05 मिनट से लेकर 09 बजकर 13 मिनट के बीच में किया जा सकता है.

By Shaurya Punj | December 19, 2022 7:00 AM

Saphala Ekadashi 2022:  पौष महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है. इस दिन श्रीनारायण भगवान की पूजा होती  होती है और व्रत रखा जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय है. मान्यता है कि 5 हजार साल तक व्रत करने से जो फल मिलता है, उतना फल सिर्फ सफला एकादशी का व्रत करने मिल जाता है. सफला एकादशी आज 19 दिसंबर, दिन सोमवार को है.सफला एकादशी का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इस एकादशी को सफलता दिलाने वाली एकादशी के रूप में भी जाना जाता है.

सफला एकादशी 2022 तिथि और मुहूर्त

एकादशी तिथि की शुरूआत 19 दिसंबर 2022 को सुबह 3 बजकर 32 मिनट से हो रही है.इसका समापन 20 दिसंबर 2022 सुबह 2 बजकर 32 मिनट पर होगा.

सफला एकादशी 2022 पारण

सफला एकादशी व्रत का पारण 20 दिसंबर सुबह 08 बजकर 05 मिनट से लेकर 09 बजकर 13 मिनट के बीच में किया जा सकता है.

सफला एकादशी 2022 पूजा सामग्री

पुष्प, नारियल, सुपारी, फल.
लौंग, धूप, दीपक (दीपक जलाने के नियम), घी, पंचामृत.
अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान.

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नानकरें और साफ़ सुथरे कपड़े पहनें.भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने देसी घी का एक दीया जलाएं और साथ ही फूल, माला और मिठाई चढ़ाएं.भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पत्र के साथ पंचामृत भी चढ़ाएं.बिना तुलसी पत्र चढ़ाए भगवान विष्णु की  पूजा अधूरी मानी जाती है.शाम को भी सूर्यास्त से ठीक पहले पूजा कर लें और भगवान विष्णु को भोग प्रसाद चढ़ाएं. शाम को आरती करने के बाद भोग प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटना चाहिए.

सफला एकादशी के नियम

  • सफला एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.

  • इस दिन तामसिक भोजन न करें.

  • क्रोध करने से बचें.

  • किसी के भी साथ हिंसक व्यवहार न रखें.

  • किसी भी वृक्ष के पत्ते न तोड़ें.

  • बाल कटवाने से बचें.

  • अगर दान कर रहे हैं तो उसे गुप्त ही रखें.

  • खट्टे फल खाने से बचें.

  • चावल एवं जमीन से उगी सब्जियां भी न खाएं.

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