Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी पर बन रहे शुभ संयोग, जानें व्रत का महत्व और मुहूर्त
Saphala Ekadashi 2024 उदया तिथि के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी के दिन रखा जाएगा. सफला एकादशी के व्रत का पारण 8 जनवरी, सोमवार सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजकर 20 मिनट के बीच किया जा सकता है.
एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में सबसे पवित्र व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल जनवरी में पहली एकादशी सफला एकादशी है. इस एकादशी का व्रत करने से सभी कार्य सफल होते हैं और कष्ट दूर होते हैं। व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
कब है सफला एकादशी
पंचांग के अनुसार, पौष माह की पहली एकादशी की तिथि 7 जनवरी की रात 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 8 जनवरी रात 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी के दिन रखा जाएगा. सफला एकादशी के व्रत का पारण 8 जनवरी, सोमवार सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजकर 20 मिनट के बीच किया जा सकता है.
सफला एकादशी के दिन क्या करना चाहिए
सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु की प्रतिमा को चौकी पर साफ कपड़े के ऊपर सजाएं और गंगाजल का छिड़काव करें. अब घी का दीपक जलाकर श्रीहरि के माथे पर कुमकुम से तिलक करें. भगवान विष्णु को फल, मिठाई और तुलसी का भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल को शामिल करना बेहद शुभ होता है. इसके बाद विष्णु आरती करें। पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद वितरित करें.
क्यों है सफला एकादशी महत्वपूर्ण
सफला एकादशी का व्रत एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है. इस दिन व्रत रखने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. सफला एकादशी के दिन कुछ सावधानियां बरतने की भी जरूरत होती है. जैसेइस दिन मांस, मदिरा और प्याज-लहसुन का सेवन न करें. झूठ, क्रोध और घमंड से भी बचें. इस दिन पूरे दिन उपवास रखें और शाम को फलाहार करें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
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