Saphala Ekadashi 2024: कब है साल 2024 की पहली एकादशी, नोट करें लें सही तारीख, शुभ मुहूर्त- पूजा विधि और महत्व

Saphala Ekadashi 2024: पौस मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं. सफला एकादशी के दिन स्नान दान का भी विशेष महत्व है. सफला एकादशी साल 2024 की पहली एकादशी है.

By Radheshyam Kushwaha | December 27, 2023 9:14 AM

Saphala Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. हर माह में दो एकादशी तिथि आती है वहीं साल की कुल 24 एकादशी तिथियां भगवान विष्णु को समर्पित है. हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पड़ती है. हर एक एकादशी का विशेष महत्व है और अलग-अलग नामों से जाना जाता है. हम बात कर रहे है साल 2024 की पहली एकादशी व्रत और पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि कब है. पौस मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं. कुछ जगहों पर इस एकादशी को ‘पौष कृष्ण एकादशी’ भी कहा जाता है, इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है. सफला एकादशी के दिन स्नान दान का भी विशेष महत्व है. सफला एकादशी साल 2024 की पहली एकादशी है. आइए जानते है सफला एकादशी 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व.

सफला एकादशी 2024 की तिथि

पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 06 और 07 जनवरी 2024 की रात 12 बजकर 42 मिनट पर होगी और एकादशी तिथि का समापन 07 और 08 जनवरी 2024 की रात 12 बजकर 46 मिनट पर होगी. सफला एकादशी तिथि 7 जनवरी 2024 दिन रविवार को है. पंचांग के अनुसार सफला एकादशी का व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है, इस बार सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी 2024 को किया जाएगा, जो कि नए साल 2024 की पहली एकादशी होगी.

सफला एकादशी 2024 व्रत पारण के लिए शुभ समय

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 7 जनवरी 2024 को देर रात 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी, जबकि एकादशी तिथि की समाप्ति 8 जनवरी 2024 को देर रात 12 बजकर 46 मिनट पर होगी. सफला एकादशी व्रत 7 जनवरी को रखा जाएगा. वहीं इस एकादशी का पारण 8 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट से बीच किया जा सकता है.

सफला एकादशी 2024 का महत्व

नए साल की पहली एकादशी सफला एकादशी है जो कि सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाली मानी जाती है. सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को सभी कामों में सफलता मिलती है. इस दिन तुलसी माता के समक्ष दीपक जलाने के साथ दीप दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और किस्मत के ताले खुल जाते हैं. सफला एकादशी के दिन व्रत रखने से 100 राजसूय यज्ञ और 1000 अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है.

Also Read: साल 2024 में कब-कब है एकादशी व्रत, जानें जनवरी से दिसंबर तक कौन सी एकादशी होगी खास, देखें पूरी लिस्ट
सफला एकादशी पूजा विधि

  • सफला एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें.

  • इसके बाद मंदिर की सफाई करें.

  • अब चौकी पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.

  • फिर घी का दीपक जलाएं और विष्णु जी को हल्दी, कुमकुम से तिलक करें.

  • मिठाई और तुलसी दल अर्पित करें.

  • भगवान विष्णु की पूजा के दौरान फल और मिठाई का भोग लगाए.

  • शाम को विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.

  • इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें.

Next Article

Exit mobile version