Saradha Scam: ममता के करीबी आइपीएस राजीव कुमार पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व पुलिस कमिश्नर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के प्रिय आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार (Rajeev Kumar IPS) पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिखाई दे रही है. सारधा घोटाला (Saradha Scam) की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सीनियर आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार से करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाला (Saradha Chit Fund Scam) मामले में गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ करने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ताजा अर्जी दायर की है.
कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल के पूर्व पुलिस कमिश्नर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रिय आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिखाई दे रही है. सारधा घोटाला की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सीनियर आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार से करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ करने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट में ताजा अर्जी दायर की है.
केंद्रीय जांच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पोंजी योजना के मामलों की जांच का काम सौंपा है. एक सूत्र ने बताया कि सीबीआइ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से फिर से पूछताछ के लिए एक ताजा अर्जी दायर की है. उसने आरोप लगाया है कि राजीव कुमार चल रही जांच में उसके साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कहा कि इस घोटाले में और बड़ी सांठगांठ का खुलासा करने के लिए कुमार से और पूछताछ करना जरूरी है.
उम्मीद है कि शीर्ष अदालत शीतकालीन अवकाश के बाद फिर से खुलने पर सुनवाई के लिए याचिका लेगी. सारधा समूह की कंपनियों ने लाखों लोगों से उनके निवेश पर अधिक वापसी का वादा करते हुए कथित तौर पर 2,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. इस घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में तब हुआ था, जब राजीव कुमार बिधाननगर के पुलिस आयुक्त थे. राजीव कुमार घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) का हिस्सा थे. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में अन्य चिडफंड मामलों के साथ इस मामले को सीबीआइ को सौंप दिया था.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने राजीव कुमार को राहत दे रखी है. हाइकोर्ट ने कहा था कि यह ऐसा केस नहीं है, जिसमें राजीव कुमार को कस्टडी में लेकर उनसे पूछताछ की जाये. कलकत्ता हाइकोर्ट ने साथ ही राजीव कुमार को यह निर्देश दिया था कि वह जांच में सीबीआइ के साथ सहयोग करें. यह भी कहा कि जब भी सीबीआइ उन्हें पूछताछ के लिए बुलाये, 48 घंटे के नोटिस पर उन्हें जांच एजेंसी के सामने उपस्थित होना होगा.
सीबीआइ की इस ताजा याचिका को पश्चिम बंगाल विधासनभा चुनाव 2021 से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि चूंकि राजीव कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी हैं, इसलिए इस मामले को बार-बार उछाला जाता है. जब भी चुनाव आते हैं, सारधा घोटाला का मुद्दा जरूर उछलता है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस मुद्दे पर एक बार फिर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच तीखी नोंक-झोंक शुरू हो सकती है.
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Posted By : Mithilesh Jha