Sarhul: तीन दशक बाद इस गांव में धूमधाम से मनाया गया सरहुल पूजा, दिखी सांस्कृतिक झलक, रातभर झूमे लोग
तिरिंग गांव में दशकों बाद हादी बोंगा (सरहुल पूजा) धूमधाम के साथ देखने को मिला. इस दौरान पुरे गांव मे सांस्कृतिक झलक देखने को मिली, जिसकी सराहना सभी ने की. जानकारी हो कि हाता के समीप स्थित तिरिंग गांव में हर साल परंपरा के अनुसार सरहुल पूजा किया जाता था, परंतु विशेष आयोजन नहीं होता था.
पोटका : पोटका प्रखंड अंतर्गत जुड़ी पंचायत के तिरिंग गांव में दशकों बाद हादी बोंगा (सरहुल पूजा) धूमधाम के साथ देखने को मिला. इस आयोजन मे मौजा तिरिंग, रोलाघुटू एवं खेरनासाई के सैकड़ों लोग भूमिज पारंपरिक परिधान मे पूजा में शामिल हुए और सरहुल नृत्य किया. इस दौरान पुरे गांव मे सांस्कृतिक झलक देखने को मिली, जिसकी सराहना सभी ने की. जानकारी हो कि हाता के समीप स्थित तिरिंग गांव में हर साल परंपरा के अनुसार सरहुल पूजा किया जाता था, परंतु विशेष आयोजन नहीं होता था.
सरहुल पूजा का भव्य आयोजन
तीन दशक बाद पुरे तिरिंग मौजा के सैकड़ों लोग एक साथ जुटे और सरहुल पूजा का भव्य आयोजन किया. यहां गांव के नाया जिगिनदर सरदार के द्वारा पूजा अर्चना की गयी, जिसके बाद शाम को नाया दारोम (पूजारी स्वागत) हुआ. यहां सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल होकर नृत्य करते हुए नाया को जाहिरा थान से आखड़ा तक लेकर गये. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे पोटका के विधायक प्रतिनिधि भरत सरदार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप मे पोटका के उप-प्रमुख उर्मिला सामाद, मुखिया सुकलाल सरदार एवं वार्ड सदस्य बासंती सरदार उपस्थित थी.
तिरिंग गांव में भूमिज समाज की ऐतिहासिक सांस्कृतिक झलक
विधायक प्रतिनिधि भरत सरदार ने कहा कि तिरिंग गांव में भूमिज समाज की ऐतिहासिक सांस्कृतिक झलक देखने को मिला, जो गांव के लिए बहुत ही गर्व का विषय है. इसी तरह गांव के लोग परंपरा को बचाये रखें, ताकि हमारी पहचान बनी रहे. मौके पर उप-प्रमुख उर्मिला सामाद एवं मुखिया सुकलाल सरदार ने कहा कि तिरिंग गांव को हर स्तर से मजबूत किया जायेगा, जिसके तहत गांव को विकास के क्षेत्र में बढ़ाने के साथ-साथ सांस्कृतिक क्षेत्र मे भी मजबूत किया जायेगा. दशकों बाद तिरिंग गांव मे भव्य सरहुल पूजा देखने को मिला, जो हम आगे भी जारी रखेंगे.
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ग्राम प्रधान मंजू सरदार सहित कई लोग रहे शामिल
आयोजन को सफल बनाने मे ग्राम प्रधान मंजू सरदार, म्यूजिक मास्टर दशरथ सरदार, गांव के शुरू सरदार, रोहिन सरदार, लालटू सरदार, झानकु सरदार, कोंदा सरदार, गोपाल सरदार, शाम सरदार, दीपक सरदार, कल्याणी सरदार, फुदेन सरदार, बुलेट सरदार, चांदराय सरदार, गयाराम सरदार, भीम सरदार, सुशील सरदार, बासु सरदार, हुसैन सरदार, शेखर सरदार समेत सभी लोगों का सराहनीय योगदान रहा.