सरकार आपके द्वार कार्यक्रम: लोहरदगा में IT और E-Governance सचिव ने की समीक्षा बैठक, दिये कई निर्देश
लोहरदगा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर समीक्षा बैठक की गयी. इस मौके पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स विभाग की सचिव विप्रा भाल ने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिये. साथ ही कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं को अधिक से अधिक लाभुक तक पहुंचाए.
Sarkar Aapke Dwar Programe: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम की समीक्षा करने झारखंड के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स विभाग की सचिव विप्रा भाल लोहरदगा पहुंची. इस दौरान सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सचिव ने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिये.
शिविर में आये आवेदनों के स्टेट्स को लेकर समीक्षा बैठक
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सोना सोबरन धोती-साड़ी-लूंगी वितरण योजना, हरा राशन कार्ड, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान, KCC, प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, सर्वजन पेंशन योजना आदि के अंतर्गत लोगों की ओर से दिए गए आवेदन, समाधान एवं लंबित आवेदनों की समीक्षा गई. इस दौरान यह निर्देश भी दिया गया कि शिविर में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त किए जाएं.
आवेदनों के ऑन-स्पॉट समाधान में अधिकारी दिखाए रुचि
समीक्षा बैठक के दाैरान सचिव विप्रा भाल ने कहा कि इस कार्यक्रम से संबंधित शिविर स्थल की जानकारी लोगों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से दी जाय. कहा कि जिन आवेदनों का ऑन-स्पाॅट समाधान किया जा सकता है, उसे वहीं करें. साथ ही शेष आवेदनों को समय अंतराल में समाधान करने का निर्देश दिया. इस कार्यक्रम को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की विशेष निगाह है. दो चरणों में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन पूरे राज्य में होगा, इसके लिए अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है.
सीएम ने गिरिडीह से इस योजना की शुरुआत की
मालूम हो कि सीएम हेमंत साेरेन ने ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत गिरिडीह जिला से की. इसके तहत सीएम ने अधिकारियों को गांव-पंचायत तक जाकर सरकार की योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़ने का निर्देश दिया. इस अभियान के शुरू होते ही राज्य के अन्य जिलों में शिविर का आयोजन कर लाभुकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है.
रिपोर्ट : गोपी कृष्ण कुंवर, लोहरदगा.