पश्चिम बंगाल पुलिस में कांस्टेबल पद पर नियुक्ति के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य में पुलिस के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए बनाये गए नए पैनल को रद्द कर दिया है और पुराने पैनल को ही वैध करार देते हुए उसके आधार पर नियुक्ति करने का आदेश दिया है. कांस्टेबलों की नियुक्ति के लिए 24 फरवरी 2022 को पैनल प्रकाशित किया गया था. खंडपीठ ने कहा कि इस नए पैनल की बजाय 26 मार्च 2021 को प्रकाशित पैनल के आधार पर ही कांस्टेबल पद पर नियुक्तियां करनी होंगी. नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा में एससी, एसटी व अन्य आरक्षित श्रेणी के कई अभ्यर्थियों ने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की तुलना में अधिक नंबर प्राप्त किए हैं. उनको सामान्य श्रेणी के रूप में मान्यता देनी होगी. राज्य के कानून में भी ऐसा नियम है.
हालांकि, पुराने पैनल को चुनौती देते हुए कुछ सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (एसएटी) में मामला किया था और एसएटी ने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को साधारण श्रेणी की तालिका से हटा कर आरक्षित श्रेणी की तालिका में शामिल करने का निर्देश दिया. एसएटी के इस फैसले को चुनौती देते हुए आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए एसएटी के फैसले को रद्द कर दिया और पुराने पैनल के अनुसार कांस्टेबलों की नियुक्ति करने का आदेश दिया.
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क्या है मामला
वेस्ट बंगाल पुलिस रिक्रुटमेंट बोर्ड ने तीन फरवरी 2019 को 8419 कांस्टेबलों की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. इसके आधार पर आठ अगस्त 2019 को लिखित परीक्षा हुई और 15 अक्तूबर 2020 को नियुक्ति के लिए पैनल प्रकाशित किया गया. इसके बाद 10 मार्च 2021 को नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए एसएटी के समक्ष मामला दायर किया गया. 28 जनवरी 2022 को एसएटी ने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को साधारण श्रेणी की तालिका से हटा कर आरक्षित श्रेणी की तालिका में शामिल करने का निर्देश दिया और भर्ती बोर्ड से चार सप्ताह के अंदर नया पैनल प्रकाशित करने का आदेश दिया.
एसएटी के इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी और हाइकोर्ट ने एसएटी के फैसले को रद्द कर दिया. जानकारी के अनुसार, द्वितीय पैनल के अनुसार, जिन कांस्टेबलों की नियुक्ति हुई है, उसमें से 137 लोगों की नौकरी जा सकती है. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इनकी नौकरियां रद्द ना करते हुए कहीं और नियुक्त किया जाये. इस पर राज्य की ओर से बताया गया है कि अभी भी 200 कांस्टेबल के पद रिक्त हैं, ऐसे में इन 137 अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने में कोई समस्या नहीं होगी.
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