Sarkari Naukri News: बाल संरक्षण इकाई में वैकेंसी, लोहरदगा डीसी ने खाली पदों को भरने का दिया निर्देश
Sarkari Naukri News: लोहरदगा जिला बाल संरक्षण इकाई में वैकेंसी है. अनुबंध के आधार पर 13 खाली सीट को भरने का निर्देश लोहरदगा डीसी ने अधिकारियों को दिया है. साथ ही बच्चों के विकास और जिले से पलायन को रोकने संबंधी कारगर कदम उठाने संबंधी दिशा-निर्देश भी दिये.
Sarkari Naukri News: लोहरदगा डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने जिला बाल संरक्षण इकाई में खाली पदों को जल्द भरने का निर्देश दिया है. साथ ही डीसी ने जिला बाल संरक्षण समिति सह जिला चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की त्रैमासिक बैठक में अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये.
अनुबंध पर भरे जाएंगे 13 खाली पद
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी डॉ कृष्ण ने जिला बाल संरक्षण इकाई के 13 रिक्त अनुबंध पदों को भरने की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया. साथ ही बाल संरक्षण समिति को सलाह दी गई कि बाल संरक्षण के क्षेत्र में समग्र कार्य की जाये. साथ ही जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वैसी बच्चियां जिनके माता-पिता नहीं हैं या जिनके एक अभिभावक हैं, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से हैं उनका नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कराये जाने के लिए नवंबर माह तक तथा बालकों का नामांकन हिरही स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में कराने के लिए नवंबर माह तक बच्चों की सूची भेजने को कहा है.
जिला शिक्षा और श्रम अधीक्षक को निर्देश
जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि लोहरदगा सदर प्रखंड में आवासीय विद्यालय निर्माण के लिए एक प्रस्ताव शिक्षा विभाग के पास भेजे. भूमि सुधार उप समाहर्ता इस आवासीय विद्यालय के निर्माण के लिए भूमि चिह्नित करके दें. बैठक में श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि पुनर्वासित मजदूरों को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाएं और उन्हें क्रेडिट लिंकेज कराएं. उसके पुनर्वास के लिए कार्य करें. लोगों को श्रम विभाग के योजनाओं की जानकारी नहीं है, उन तक श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी प्रचार-प्रसार कर पहुंचाएं.
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कुशल श्रमिकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायेगा जिला प्रशासन
डीसी ने कहा कि अगर लोग कुशल बनेंगे, तो पलायन में कमी आयेगी. बाल कल्याण समिति भी ऐसे बच्चों के माता-पिता के लिए सोचें, जो अपनी जीविकोपार्जन के लिए पलायन कर जाते हैं. जिला प्रशासन कुशल श्रमिकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायेगी. अन्य विभागों से भी मिलने वाली सुविधाएं उन्हें दी जाएंगी. इसी प्रकार अगर कोई अकेली महिला है, तो उसे महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ें. ग्राम स्तर पर बाल कल्याण समिति को मजबूत करने के लिए मुखिया और प्रखंड स्तर पर प्रमुख एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखें और समिति को सक्रिय करें.
Posted By: Samir Ranjan.