अलीगढ़: जून के अंत तक प्रदेश को मिलेंगे आठ हजार लेखपाल, राजस्व परिषद अध्यक्ष संजीव मित्तल ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश को जून के अंत तक आठ हजार लेखपाल मिलेंगे. यह जानकारी राजस्व परिषद अध्यक्ष संजीव मित्तल ने दी. रियल टाइम खतौनी के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य है. इससे राजस्व व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आएगा.
अलीगढ़. राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल ने बताया है कि जून माह के अंत तक प्रदेश को 8000 लेखपाल मिल जाएंगे. जिससे राजस्व मामलों के निस्तारण में और तेजी आएगी. राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल अलीगढ़ में समीक्षा के दौरान कहा कि जल्द ही नये लेखपाल फील्ड में दिखेंगे. समीक्षा बैठक में उन्होंने रियल टाइम खतौनी निर्माण, स्वामित्व योजना, वरासत प्रकरण एवं पैमाइश मामलों में सोमवार को कमिश्नरी सभागार में अलीगढ़ मंडल की समीक्षा की. अलीगढ़ मंडल में 4 जिले और 15 तहसीलें शामिल हैं.
राजस्व व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आएगा
रियल टाइम खतौनी के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य है. इससे राजस्व व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आएगा. लेखपाल से लेकर एसडीएम, डीएम तक को बहुत गंभीरता के साथ काम करना है. उन्होंने कहा कि इस काम को जल्दबाजी में नहीं करना है. लक्ष्य पूर्ण करने के चक्कर में गलतियां न करें. रियल टाइम खतौनी का कार्य तभी सफल माना जाएगा जब जिला, तहसील एवं भूमि स्वामी को भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
खतौनियों के सही अपडेट होने पर धोखाधड़ी में कमी आएगी
संजीव मित्तल ने बताया कि खतौनियों के सही अपडेट होने से जमीनों की धोखाधड़ी में कमी आएगी. जमीन खरीदने के इच्छुक लोग जान सकेंगे कि जमीन का मालिक कौन है. जब वह जान जाएंगे कि जमीन का वास्तविक स्वामी कौन है, तो फालतू के विवादों से बचा जा सकेगा. रियल टाइम खतौनी की समीक्षा में बताया गया कि मंडल में 3553 राजस्व गांव है. अब तक 781 खतौनी को लॉक किया गया है. जिसमें अलीगढ़ द्वारा 299, एटा द्वारा 108, कासगंज द्वारा 248, हाथरस द्वारा 126 खतौनियों को अभिलेख पोर्टल पर लॉक किया गया है.
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वरासत निस्तारित मामलों पर ध्यान देने का निर्देश
स्वामित्व योजना में मंडल में अधिसूचित ग्राम 3553 में से 3253 गांव में ड्रोन सर्वे कराया गया है. अब तक 400376 घरौनियों का वितरण करा दिया गया है. वहीं मंडल स्तर पर 1 से 3 वर्ष के 395 वाद, 3 से 5 वर्ष तक के 328 वाद, 5 वर्ष से अधिक पुराने 235 मामले लंबित पाए गए. हालांकि लंबित मुकदमों की नियमित सुनवाई करते हुए जल्द निर्णय करने के निर्देश दिये गये हैं. वरासत मामलों की समीक्षा के दौरान निर्धारित समय सीमा के उपरांत मंडल में एक मामला लंबित पाया गया. जिलाधिकारी द्वारा वरासत निस्तारित मामलों पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.
रिपोर्ट- आलोक सिंह, अलीगढ़