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ई-टेंडर पॉलिसी के खिलाफ हरियाणा के पंचकूला में सरपंचों का प्रदर्शन, पुलिस ने लाठीचार्ज किया

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि आंदोलन ‘शांतिपूर्ण’ रखने के बावजूद पुलिस ने उनपर ‘लाठीचार्ज’ किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई में कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए. कई प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर बैठे रहे.

चंडीगढ़ : हरियाणा के पंचकूला में बुधवार को राज्य सरकार की ‘ई-टेंडर’ का विरोध करने जुटे सरपंचों द्वारा बैरीकेड तोड़कर मुख्यमंत्री के आवास की ओर बढ़ने की कोशिश करने पर पुलिस ने उनपर ‘लाठीचार्ज’ किया. पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और बैरीकेड लगाए गए थे, क्योंकि ग्राम प्रधानों की अगुवाई करने वाली हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास की ओर कूच करने की धमकी दी थी. पुलिस ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड लांघकर चंडीगढ़ की ओर बढ़ने की कोशिश की.

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि आंदोलन ‘शांतिपूर्ण’ रखने के बावजूद पुलिस ने उनपर ‘लाठीचार्ज’ किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई में कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए. कई प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर बैठे रहे. हरियाणा के हाल के पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान यह दावा करते हुए ई-टेंडर व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं कि यह व्यय करने के उनके अधिकारों पर पाबंदी लगा देगी.

सरकार के एक प्रतिनिधि ने पंचकूला में प्रदर्शनकारी सरपंचों से भेंट की और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. उन्होंने उनसे सड़क जामकर लोगों के लिए असुविधा नहीं खड़ी करने की अपील की. ई-टेंडर सिस्टम के तहत ग्राम प्रधान अपने स्तर पर दो लाख रुपये तक के विकास कार्यों को मंजूरी दे सकते हैं, लेकिन दो लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए ई-टेंडर जरूरी है. सोमवार को इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार और ग्राम प्रधानों की बैठक में कोई समाधान नहीं निकल पाया था.

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विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने फिर कहा है कि ई-टेंडर सिस्टम विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता लायेगी तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी, लेकिन हरियाणा सरंपच एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस नीति के विरुद्ध है. एसोसिएशन का दावा है कि नई नीति विकास कार्यों में ‘अड़चनें’ पैदा करेगी. उसने यह धमकी भी दी है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मांगेगी, तो वह अपना प्रदर्शन जारी रखेगा. कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने सरपंचों का समर्थन किया है.

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