अमावस्या श्राद्ध के साथ समाप्त होगा पितृ पक्ष, जानें सर्व पितृ अमावस्या के दिन किन पितरों का होता है श्राद्ध
कल यानी बुधवार 06 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है. इस दिन के साथ ही श्राद्ध पक्ष का समापन हो जाएगा. पितृपक्ष में श्राद्ध भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक यानी कुल 16 दिनों तक चलते हैं और इनमें श्राद्ध का अंतिम दिन काफी खास माना जाता है.
पितृ पक्ष का अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या या पितृ विसर्जिनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष आश्विन मास की अमावस्या तिथि को ही सर्व पितृ अमावस्या होती है. इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या कल यानी 06 अक्टूबर दिन बुधवार को है. पितृ पक्ष में श्राद्ध भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक यानी कुल 16 दिनों तक चलते हैं और इनमें श्राद्ध का पहला और आखिरी दिन काफी खास माना जाता है.
पितृपक्ष की तिथियों का महत्व
पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है. जिस व्यक्ति की जिस तिथि पर मृत्यु हुई है, उसी तिथि पर उस व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है. अगर किसी मृत व्यक्ति के मृत्यु की तिथि के बारे में जानकारी नहीं होती है. तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति का श्राद्ध अमावस्या तिथि पर किया जाता है. इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है.
अमावस्या श्राद्ध 2021: तिथि और समय
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अमावस्या तिथि शुरू – 5 अक्टूबर 2021, शाम 07:04 बजे
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अमावस्या तिथि समाप्त – 6 अक्टूबर 2021, शाम 04:34 बजे
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कुटुप मुहूर्त – 11:45 पूर्वाह्न – 12:32 अपराह्न
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रोहिना मुहूर्त – दोपहर 12:32 बजे – दोपहर 01:19 बजे
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अपर्णा काल – 01:19 अपराह्न – 03:40 अपराह्न
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सूर्योदय 06:16 पूर्वाह्न
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सूर्यास्त 06:01 अपराह्न
पितरों को कैसे करें तृप्त?
सर्व पितृ अमावस्या पर दक्षिण की ओर मुख करके बैठें। फिर पानी में काला तिल और सफेद फूल डालकर पितरों का तर्पण करें. इसके बाद आकाश की ओर हाथ उठाकर सभी पितरों को प्रणाम करें. आप यह भी कह सकते हैं कि मैं आप सभी पितरों को अपने वचनों से तृप्त कर रहा हूं. आप सभी तृप्त हों। फिर ब्राह्मण भोजन कराएं और भोजन का कुछ भाग कौआ, कुत्ता आदि को दे दें. शाम को घर के बाहर दीपक जलाएं और पितरों को खुशीपूर्वक विदा करें.
Posted By: Shaurya Punj