Magh Gupt Navratri 2024 Puja Vidhi: गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी दिन शनिवार से यानि कल से शुरू हो रही है. गुप्त नवरात्र इस बार की बहुत खास है. क्योंकि 11 शुभ संयोगों के बीच गुप्त नवरात्र शनिवार को शुरू होगी. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, माघ मास में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा के भक्त माता की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से ही साधना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. नवरात्रि साल में चार बार आती है. लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रसिद्ध है, इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं, जो नवरात्रि माघ और आषाढ़ के महीने में आती है.
माघ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा के भक्त माता की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से ही साधना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, अघोरी और महाकाल के भक्तों के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. गुप्त नवरात्रि पर तांत्रिक, अघोरी तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करते हैं. वहीं गृहस्थ जीवन वालों को इस दौरान मां दुर्गा की सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए. गुप्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से तमाम तरही की परेशानियां दूर हो जाती है.
गुप्त नवरात्री माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है. माघ मास की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 18 फरवरी 2024 को होगा. माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 11 फरवरी 2024 को प्रातः 12 बजकर 47 मिनअ पर समाप्त होगी. इसी दिन से गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार तंत्र साधना करने वालों के लिए गुप्त नवरात्रि एक स्वर्णिम अवसर है.
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गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है, इस दिन कलश स्थापना का मुहुर्त सुबह 8 बजकर 45 मिनट से 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. 1 घंटा 25 मिनट रहेगी. दूसरा कलश स्थापना का शुभ महूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है, जिसकी कुल अवधि 44 मिनट रहेगी.
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– गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है.
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– कलश स्थापना करने के बाद मां दुर्गा के समक्ष सुबह शाम दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें.
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– गुप्त नवरात्रि में पूजा के समय मां दुर्गा को लौन्ग और बताशे का भोग लगाएं.
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– कलश स्थापना करते समय मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प और लाल रंग की चुनरी भी अर्पित करें.
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– मां दुर्गा की पूजा के समय लौंग, कपूर हवन के दौरान माता को अर्पण करें.
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– गुप्त नवरात्रि में 9 दिन तक दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ और आरती करें.