सिवान. गुठनी प्रखंड में सरयू नदी के रौद्र रूप ने जहां सैकड़ों से अधिक लोगों को बेघर कर दिया है. वहीं इसके लगातार बढ़ते जल स्तर ने लोगों की नींद उड़ा दी. ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बढ़ते जल स्तर से नये इलाकों में पानी जा रहा है. जिससे आधा दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह प्रभावित हो गये हैं. ग्रामीणों की माने तो सबसे अधिक प्रभावित तीरबलुआ, ग्यासपुर और बलुआ गांव के ग्रामीण है. जिनमें करीब 4000 से अधिक लोग पर बाढ़ का सीधा असर पड़ रहा है.
ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार बढ़ते जल स्तर और नुकसान के बावजूद स्थानीय प्रशासन कोई मदद करने के लिए आगे नहीं आया. ग्रामीण इस बात से आक्रोशित हैं कि करीब एक सप्ताह से बढ़ते जल स्तर के बावजूद जल संसाधन विभाग, स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं किया. जिससे इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गयी. सीओ शंभुनाथ राम का कहना है कि बाढ़ प्रभावित गांव में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
प्रखंड में सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर से लोग सुरक्षित जगहों पर जाना शुरू कर दिये हैं. वही दियारा से भी लोगों का पलायन हो रहा है. वह अपने साथ नाव पर आनाज, कपड़े, दवाइयां, पैसे, जलावन, जरूरी सामान लेकर सुरक्षित जगहों पर निकल रहे हैं. वहीं पशुओं के रहने और चारे की लोगों के सामने समस्या उत्पन्न हो गयी है. लोग पशुओं को ऊंचे और सुरक्षित जगहों पर ले जा रहे हैं. लेकिन उनके लिए वहां चारे और पानी की असुविधा हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने अब तक उनसे संपर्क करना मुनासिब नहीं समझा है.
प्रखंड में सरयू नदी के बाढ़ से जहां दियारा और निचले इलाकों से लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे हैं. वही तीरबलुआ और ग्यासपुर गांव के करीब दो दर्जन से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे उनमें रहने वाले लोगों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना था कि घर के अंदर रखें सामानों को सुरक्षित बाहर निकाल रहे हैं. और उसे लेकर कहीं सुरक्षित जगह जाने के लिए मजबूर है. इस संबंध में बीडीओ आनंद प्रकाश ने बताया कि स्थानीय प्रशासन बाढ़ की स्थिति पर लोगों से सीधे संपर्क में है. वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी लगातार दौरा किया जा रहा है.
सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर से जहां आधा दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वही बाढ़ का पानी निचले इलाकों के जगहों पर पहुंच गया है. इनमे ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, पांडेयपार, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर, गोहरुआ, बिहारी, गांवों के सैकड़ो एकड़ जमीन में लगी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान शौचालय, पीने का पानी, पशुओं का चारा का काफी दिक्कत हो रही है.
प्रखंड में जहां सरयू नदी ने तबाही मचा दिया है. वहीं इससे हजारों लोग पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते विभाग द्वारा सही ढंग से कार्य किया गया होता तो इससे इतनी नुकसान लोगों को नहीं उठानी पड़ती. ग्रामीणों का कहना था कि विभाग के कर्मियों व अधिकारियों द्वारा पैसे का बंदरबांट करके लोगों को तबाह किया जा रहा है. इस संबंध में जेइ रजनीश कुमार रवि ने कहा कि बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे ही सामान्य हो पायेगी. वहीं अब तक सभी बांध पूरी तरह सुरक्षित है.