सरयू नदी में बढ़े पानी ने सारण के लोगों की बढ़ाई चिंता, सता रहा छठ में खलल पड़ने का डर
सारण जिला प्रशासन हालांकि घाटों पर नजर रखे हुए हैं. सदर एसडीओ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अभी 10 दिन बचे हैं. जिसमें छठ पर्व को लेकर पुख्ता तैयारी की जायेगी. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि जलस्तर घटने की पूरी संभावना है
सारण में गंगा और सरयू सहित अन्य नदियों में लगातार एक सप्ताह से बढ़ रहे जल स्तर ने छठ व्रतियों की चिंता बढ़ा दी है. फिलहाल नदियों में लबालब पानी है. कई घाट पर तो ऊपर तक पानी है. इस कारण इस साल महा पर्व छठ को लेकर गंगा तट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
एक सप्ताह से नदियों के जलस्तर में कमी नहीं
ऐसा नहीं कि यह स्थिति केवल गंगा और सरयू तट की ही है. जिले के कई और नदियों की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है. एक सप्ताह में नदियों के जलस्तर में कमी नहीं हुई, तो अधिकांश घाटों पर छठ पर्व का आयोजन मुश्किल हो जायेगा. क्योंकि कहीं 30 से 40 फुट तो कहीं 10 फुट गहराई तक पानी है. दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 30 साल बाद शहर से सटे छोटी नदी में पानी आ गयी है. जिससे लोगों में काफी खुशी है. हर साल लोग यही कहते थे कि गंगा मैया रूठ गयी हैं, इसीलिए हमसे दूर चली गयी हैं, लेकिन इस बार शहर से काफी नजदीक आ चुकी हैं .
घाटों पर सारण जिला प्रशासन की टिकी है नजर
सारण जिला प्रशासन हालांकि घाटों पर नजर रखे हुए हैं. सदर एसडीओ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अभी 10 दिन बचे हैं. जिसमें छठ पर्व को लेकर पुख्ता तैयारी की जायेगी. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि जलस्तर घटने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि पक्के घाटों पर ज्यादा परेशानी की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि पक्के घाटों पर जल स्तर के हिसाब से जितना क्षेत्र सुरक्षित रहेगा. वहां बैरिकेडिंग कराकर छठ पूजा करायी जायेगी. जहां सुरक्षा की स्थिति नहीं होगी, उन घाटों को प्रतिबंधित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पार्कों और तालाबों में भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है