GPS Toll Plaza: सरकार बदल रही टोल कलेक्शन का इंतजाम; न FASTag और न जाम, सैटेलाइट से होगा सारा काम

GPS Toll Plaza - सरकार ने टोल कलेक्शन सिस्टम की तकनीक को और अपग्रेड करने के लिए इसे सैटेलाइट सिस्टम से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में अब फास्टैग की जगह सैटेलाइट सिस्टम के जरिये टोल प्लाजा पर कलेक्शन होगा.

By Rajeev Kumar | February 15, 2024 9:51 PM
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Satellite Based Toll Collection System : टोल प्लाजा पर लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार देश में फास्टैग सिस्टम लेकर आयी थी. यह काफी कारगर भी साबित हो रहा है. अब सरकार ने टोल कलेक्शन सिस्टम की तकनीक को और अपग्रेड करने के लिए इसे सैटेलाइट सिस्टम से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में अब फास्टैग की जगह सैटेलाइट सिस्टम के जरिये टोल प्लाजा पर कलेक्शन होगा.

केंद्र सरकार जल्द ही टोल टैक्स के लिए उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली शुरू करने की तैयारी में है. इसके तहत टोल नाके हटा दिये जाएंगे. वाहन चालकों को केवल उतनी ही दूरी का पथ कर देना होगा, जितनी दूर वह चलेंगे. यानी जितनी दूरी की यात्रा, उतनी ही दूरी का टोल देना होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में हाल ही में यह जानकारी दी.

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नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार पथकर के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली लाने का प्रयास कर रही है. इस व्यवस्था के तहत टोल नाके हटा दिये जाएंगे. लोगों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी. वाहन की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी.

वाहन जहां से प्रवेश करेगा और जहां से निकासी होगी. केवल इतनी ही दूरी का ही पथकर लिया जाएगा. यह राशि वाहन चालक के बैंक खाते से काटी जाएगी. उन्होंने कहा कि नयी प्रणाली को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले लागू किया जा सकता है.

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फास्ट टैग से अलग होगा यह

इस समय देश में अधिकांश राजमार्ग टोल टैक्स काटने के लिए फास्ट टैग का इस्तेमाल करते हैं. फास्ट टैग आइडी को रीड करता है और दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी के आधार पर टैक्स लेता है.

ऐसे काम करेगा यह सिस्टम

यह वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेगा और टोल टैक्स वसूलेगा

वाहन के नंबर को वाहन मालिक/चालक के बैंक खातों से जोड़ा जाएगा

यह राशि वाहन चालक के बैंक खाते से स्वत: काट ली जाएगी

वाहन जहां से प्रवेश करेगा और जहां से उसकी निकासी होगी, केवल इतनी ही दूरी का ही टोल कटेगा

कैमरों से युक्त ऑटोमैटिक नंबर प्लेट आइडेंटिटी सिस्टम का इस्तेमाल होगा.

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