Saturday prayers: शनि (Saturn) जो शनि देव का अवतार हैं, लोगों की जन्म कुंडली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अक्सर न्याय के भगवान के रूप में संदर्भित, वह अपना आशीर्वाद या क्रोध दिखाते हैं और खास बात यह है कि एक व्यक्ति के कर्म (Karma) इनाम की प्रकृति तय करते हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि साढ़ेसाती या ढैय्या के रूप में लोग शनि के प्रतिकूल प्रभावों को सहन करते हैं! इस प्रकार, वह सभी को वर्तमान या पिछले जन्मों में किए गए पापों का भुगतान करवाता है.
मान्यता के अनुसार, शनि देव सूर्य देव (Surya Dev) और छाया (Shadow) के पुत्र हैं. इसके अलावा, वह ज्योतिष में नौ खगोलीय पिंडों (नव ग्रह के रूप में संबोधित) में से एक है. खास बात यह है कि शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इसलिए शनि के हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए आप उन्हें समर्पित मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
ॐ शं शनिचराय नमः
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
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ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि |
तन्नो मंदिर: प्रचोदयात ||
ॐ शनैश्चराय विद्महे छायापुत्राय धीमहि तन्नो मंदः प्रचोदयात
ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि |
तन्नो मन्दः प्रचोदयात ||
ॐ काकध्वजया विद्महे खडघस्ताय धीमहि तन्नो मंदः प्रचोदयात
ॐ कृष्णाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात
ॐ कृष्णांगय विद्महे रवि पुत्राय धीमहि तनः सौरिहा प्रचोदयात
यह ध्यान रखने वाली बात यह है कि शनि के बुरे प्रभाव से परेशान लोग नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए भगवान हनुमान की पूजा कर सकते हैं और इसके पीछे एक कारण है.
एक पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव को हनुमान ने रावण की कैद से छुड़ाया था, और इसलिए कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में, उन्होंने भगवान हनुमान के भक्तों की रक्षा नहीं की. इन मंत्रों के जाप के अलावा आप किसी जरूरतमंद को भोजन भी दान कर सकते हैं. इसके अलावा आप काले वस्त्र और तिल के लड्डू का दान भी कर सकते हैं.
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सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर दान करें और पीपल की जड़ में तेल चढ़ाएं. इससे शनिदेव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं.
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कांसें की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी को दान कर दे। शनिदेव को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक व पुराना उपाय है.
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तेल का पराठा बनाकर उस पर कोई मीठा पदार्थ रखकर गाय के बछड़े को खिलाएं, ये छोटा और बहुत ही कारगर उपाय है.
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किसी भी शनिवार या शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के समय जो भोजन बने उसे पत्तल में लेकर उस पर काले तिल डालकर पीपल की पूजा करें, नैवेद्य लगाएं और यह भोजन काली गाय या काले कुत्ते को खिला दें.
शनिवार को शनि और हनुमानजी का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार श्रेष्ठ दिन है। इस दिन किए गए उपायों से शनि के दोष शांत हो सकते हैं। मान्यता है कि हनुमानजी के भक्तों को शनि के अशुभ फलों से मुक्ति मिलती है। इसी वजह से कई लोग शनिवार को हनुमानजी की पूजा करते है। ये हैं शनिवार को किए जाने वाले छोटे-छोटे 5 उपाय…
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तेल का दान करें : हर शनिवार सुबह-सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर तेल का दान करें. इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें, फिर तेल का दान किसी जरुरतमंद व्यक्ति करें.
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शनि को नीले पुष्प चढ़ाएं : शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें। शनिदेव को नीले पुष्प चढ़ाएं और शनि मंत्र ‘ऊँ शं शनैश्चराय नम:’, का जप करें।
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पीपल पेड़ पर चढ़ाएं जल : हर शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं, पूजा-अर्चना करें और सात परिक्रमा जरूर करें. जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का ही प्रयोग करें.
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दीपक जलाएं : सूर्यास्त के समय किसी ऐसे पीपल के पास दीपक जलाने चाहिए जो सुनसान जगह पर हो, या किसी मंदिर में स्थित पीपल के पास भी दीया जला सकते हैं.
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सिंदूर चढ़ाएं : हनुमानजी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें.