35 नेशनल अवॉर्ड्स जीतकर इस फिल्म निर्माता ने बनाया रिकॉर्ड, अमिताभ बच्चन-कंगना रनौत लिस्ट में नहीं हैं शामिल
हाल ही में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा की गयी. जिसमें अलग-अलग कैटेगरी में कई लोगों ने पुरस्कार जीते. हालांकि एक ऐसे फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने अपने चार दशक के करियर में 35 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते. आइये जानते हैं कौन है वो...
साल 2021 के लिए बीते गुरुवार को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा की गयी. हिंदी फिल्म ‘रॉकेट्री : द नंबी इफेक्ट’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. वहीं, आलिया भट्ट ने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और कृति सैनन ने ‘मिमी’ में अपने अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता है, जबकि तेलुगू फिल्म ‘पुष्पा : द राइज’ के लिए दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. फिल्म निर्माता केतन मेहता ने राष्ट्रीय पुरस्कार-2021 के लिए 11 सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता की. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ के लिए निखिल महाजन को दिया गया है. बता दें कि विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन वाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने राष्ट्रीय एकीकरण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार भी जीता. इसके बाद अग्निहोत्री ने एक वीडियो मेसेज जारी किया है. अग्निहोत्री ने कहा कि ये सम्मान वह आतंकवाद से पीड़ित समुदायों, खासकर कश्मीरी हिंदू और उसके अलावा पूरे विश्व में जहां भी कोई भारतीय आतंकवाद का पीड़ित है, उसे समर्पित करते हैं.
सर्वाधिक राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीतने वाला व्यक्ति
बड़े विजेताओं में आरआरआर, गंगूबाई काठियावाड़ी और सरदार उधम जैसी फिल्में थीं, जिनमें से प्रत्येक ने पांच पुरस्कार जीते. इससे गंगूबाई के निर्देशक संजय लीला भंसाली के राष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या सात हो गई, जो एक सराहनीय संख्या है. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वह सर्वाधिक 35 राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति से काफी पीछे हैं. यह आश्चर्य की बात नहीं है कि महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे सबसे अधिक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति हैं. भारतीय फिल्म निर्माता के रूप में प्रसिद्ध, रे ने भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर मानचित्र पर स्थापित किया, अंतरराष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ घरेलू स्तर पर भी सम्मान हासिल किया. उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते और अगले 40 वर्षों तक पुरस्कार जीतते रहे, 1994 में उत्तोरन के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का अपना अंतिम पुरस्कार जीता.
सत्यजीत रे की राष्ट्रीय पुरस्कार जीत
सत्यजीत रे के 35 राष्ट्रीय पुरस्कारों में से छह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए हैं, जबकि अन्य सर्वश्रेष्ठ फिल्म, पटकथा, संपादन और विभिन्न अन्य श्रेणियों के लिए हैं. उनकी छह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक जीतें भी एक रिकॉर्ड हैं, उनकी 1974 की फिल्म ‘सोनार केला’ ने उस समय के रिकॉर्ड छह राष्ट्रीय पुरस्कार जीते, जिनमें रे के लिए तीन पुरस्कार शामिल थे – सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और बंगाली में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म. उनकी नौ फिल्मों ने बंगाली में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि छह ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार भी जीता.
सत्यजीत रे के नाम कई रिकॉर्ड
उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म (1978 में जोई बाबा फेलुनाथ के लिए) और सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (1972 में इनर आई के लिए) का पुरस्कार भी जीता. रे ने सभी प्रमुख फिल्म समारोहों में कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते, लेकिन दो पुरस्कार ऑस्कर और बाफ्टा नहीं थे. उनकी कोई भी फिल्म कभी भी ऑस्कर नामांकन में सुरक्षित नहीं हो सकी. उनकी तीन फिल्में बाफ्टा पुरस्कारों में नामांकित हुईं (तीनों अपू त्रयी से) लेकिन कोई भी जीत नहीं सकी.
अन्य प्रमुख राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता
अभिनेताओं में शबाना आज़मी ने पांच राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं, जबकि मोहनलाल, अमिताभ बच्चन और कंगना रनौत ने चार-चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं. येसुदास ने पार्श्व गायन के लिए छह पुरस्कार जीते, लेकिन सत्यजीत रे के बाद दूसरे स्थान पर 17 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ फिल्म निर्माता अदूर गोपालकृष्णन हैं. उनकी जीत में से चार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए हैं, जबकि अन्य में सर्वश्रेष्ठ फिल्म, पटकथा और यहां तक कि सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के पुरस्कार शामिल हैं.