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अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास के रूप में प्रकाशित हुई सत्यजीत रे की डरावनी लघु कहानी ‘खगम’

यह सत्यजीत रे की मेरी पसंदीदा लघु कहानियों में से एक है. ‘खगम’ को एक अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास में तब्दील करना बेहद मुश्किल काम था. लेकिन चूंकि, इसका बांग्ला संस्करण पहले ही आ चुका है, तो यह मेरे लिए थोड़ा कम मुश्किल रहा.

महान फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की ‘डरावनी’ लघु कहानी ‘खगम’ अब नौजवान पाठकों को आकर्षित करने के लिए अंग्रेजी भाषा में ग्राफिक उपन्यास के रूप में प्रकाशित की गई है. ‘खगम’ एक अहंकारी व्यक्ति के धीरे-धीरे सांप में तब्दील होने की डरावनी कहानी बयां करती है. शामिक चटर्जी ने रे की किसी लघु कहानी पर आधारित अंग्रेजी भाषा का पहला ग्राफिक उपन्यास प्रकाशित किया है, जिसमें कॉमिक्स किताबों की तरह ग्राफिक चित्रों के जरिये कहानी बयां की गई है.

अपने जमाने में सबसे ज्यादा बिकती थीं सत्यजीत रे की किताबें

अपनी फिल्मों के जरिये भारत को विश्व के मानचित्र पर लाने वाले सत्यजीत रे बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार-डिजाइनर और लेखक भी थे. उनकी किताबें अपने जमाने में सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों में शुमार थीं. ग्राफिक उपन्यास प्रकाशित करने वाले चटर्जी ने कहा, ‘खगम पर आधारित एक अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास का प्रकाशन रे की महान कृतियों को ‘जेड जेनरेशन’ के पाठकों तक पहुंचाने की कवायद का हिस्सा है.’

जेड जेन के लिए लाया गया है अंग्रेजी संस्करण

‘जेड जेनरेशन’ से अभिप्राय 1990 के बाद और 2010 के दशक की शुरुआत के बीच जन्मे लोगों से है. ‘खगम’ को पहली बार 1972 में बांग्ला पत्रिका ‘संदेश’ में प्रकाशित किया गया था और इसका बांग्ला ग्राफिक उपन्यास इस साल जनवरी में प्रकाशित हुआ. विभिन्न रंगों के साथ वर्णन की शुद्ध भारतीय शैली का इस्तेमाल कर हाल में इस कहानी का अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित किया गया है.

दुर्गा पूजा से पहले बाजार में आ सकता है उपन्यास

चटर्जी ने कहा, ‘हमारे पास सत्यजीत रे की 10 लघु कहानियों के बांग्ला और अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास प्रकाशित करने के अधिकार हैं. हमारी अगली परियोजना ‘मिस्टर ससमल-अर शेष रात्रि’ (श्रीमान ससमल की आखिरी रात) है. हमारी इस साल दुर्गा पूजा से पहले इसे लाने की योजना है. इसके बाद ‘लखनऊ-अर-डुअल’ आएगी.’

‘खगम’ को अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास में तब्दील करना था बेहद मुश्किल

अंग्रेजी संस्करण के लिए कहानी का अनुवाद करने वाली चंद्रेयी चटर्जी ने कहा, ‘यह सत्यजीत रे की मेरी पसंदीदा लघु कहानियों में से एक है. ‘खगम’ को एक अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास में तब्दील करना बेहद मुश्किल काम था. लेकिन चूंकि, इसका बांग्ला संस्करण पहले ही आ चुका है, तो यह मेरे लिए थोड़ा कम मुश्किल रहा.’ उन्होंने कहा कि सबसे मुश्किल काम चार पंक्तियों की कविता का अनुवाद था, जो कहानी का अभिन्न हिस्सा है.

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