SatyaPrem Ki Katha Movie Review: एंटरटेनमेंट के साथ मैसेज भी देती है कार्तिक-कियारा की यह खूबसूरत प्रेम कहानी

कार्तिक आर्यन, कियारा आडवाणी की फिल्म सत्यप्रेम की कथा आज रिलीज हो गई है. फ़िल्म की कहानी अहमदाबाद के सत्तू ( कार्तिक आर्यन ) की है. जो एलएलबी की पढ़ाई में फेल हो चुका है. उसके पास कोई काम नहीं है.

By कोरी | March 7, 2024 12:52 PM

फिल्म -सत्यप्रेम की कथा

निर्माता -साजिद नड़ियाडवाला

कलाकार – कार्तिक आर्यन, कियारा आडवाणी,गजराज राव, सुप्रिया पाठक, शिखा तलसानिया, सिद्धार्थ रांदेरिया, अनुराधा और अन्य

प्लेटफार्म – सिनेमाघर

रेटिंग – तीन

बीते साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म भूल भूलैया 2 में नजर आ चुकी कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी की जोड़ी सत्यप्रेम की कथा में एक बार फिर साथ नज़र आ रही है. इस बार यह जोड़ी एंटरटेनमेंट के साथ एक मैसेज देने में भी कामयाब रही है, जो इस रोमांटिक को फ़िल्म को खास बना गया है.

इमोशनल है ये प्रेम कहानी

फ़िल्म की कहानी अहमदाबाद के सत्तू ( कार्तिक आर्यन ) की है. जो एलएलबी की पढ़ाई में फेल हो चुका है. उसके पास कोई काम नहीं है. उसके पिता( गजराज राव ) के पास भी कोई काम नहीं है. जिस वजह से दोनों बाप बेटे मिलकर घर का काम करते हैं, जबकि मां ( सुप्रिया ) और बहन ( शिखा ) काम करके घर खर्च चलाती हैं. निठल्ले होने की वजह से सत्तू की शादी नहीं हो रही है और सत्तू का बस एक ही सपना है शादी का. उसकी मुलाक़ात कथा ( कियारा ) से होती है. वह उसे दिल दे बैठता है, लेकिन कथा किसी और से प्यार करती है. कहानी आगे बढ़ती है, कथा आत्महत्या करने की कोशिश करती है, लेकिन सत्तू उसे बचा लेता है। इससे प्रभावित होकर कथा की मर्जी के खिलाफ उसके पिता सत्तू की शादी अपनी बेटी से करवा देते हैं,लेकिन शादी के बाद सबकुछ ठीक नहीं होता है बल्कि मामला और उलझ जाता है. कथा सत्तू से अलग – अलग बहाने बनाकर दूर -दूर रहने लगती है. कथा की ज़िन्दगी से जुड़ा ऐसा कुछ है. जो सत्तू और उसके बीच की दीवार है. क्या है वह, क्या सत्तू और कथा की दूरियां मिटेगी. इसके लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा.

स्क्रिप्ट की खूबियां और खामियां

रोमांटिक कॉमेडी वाली यह फ़िल्म अपनी कहानी में एक सशक्त सन्देश लिए हुए है. यह फिल्म एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि एक लड़की की ना का मतलब ना ही होता है फिर चाहे वह आपकी प्रेमिका ही क्यों ना हो. किसी शादी की सफलता में सेक्स की कितनी अहमियत है. यह फ़िल्म इन मुद्दों को इस कमर्शियल फिल्म में रखने में कामयाब हुई है. इसके लिए इस फ़िल्म के निर्देशक और लेखक की तारीफ करनी होगी. इस इमोशनल प्रेम कहानी में हल्के फुल्के पल भी हैं. जो चेहरे पर मुस्कुराहट भी ले आते हैं. गजराज राव और कार्तिक आर्यन के बीच सीन अच्छे बन पड़े हैं. फ़िल्म की खामियों की बात करें तो फिल्म का फर्स्ट हाफ जरूरत से ज़्यादा खिंच गया है. फ़िल्म मूल कहानी पर सेकेंड हाफ में आती है. फर्स्ट हाफ को थोड़ा कम किया जा सकता था. फ़िल्म में थोड़े और सशक्त दृश्य की जरूरत थी, जो फ़िल्म के मूल विषय और किरदारों के साथ ज़्यादा न्याय कर पाती थी.

कार्तिक, कियारा संग अभिनय में सह कलाकारों ने भी जमाया है रंग

अभिनय की करें तो इस रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म में कार्तिक आर्यन अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. गुजराती किरदार की भाषा को भी उन्होने बखूबी आत्मसात किया है. प्यार का पंचनामा और सोनू के टीटू की स्वीटी वाली इमेज से इतर इस फिल्म के बाद हर लड़की सत्तू जैसा जीवनसाथी ही अपने लिए चाहेगी. कियारा आडवाणी ने भी यादगार परफॉरमेंस दी है. फ़िल्म के अभिनय में इसके सपोर्टिंग पक्ष की भी अहम भागीदारी रही है. जिसके लिए गजराज राव, सिद्धार्थ, सुप्रिया पाठक की विशेष तारीफ करनी होगी. बाकी के कलाकारों का भी काम अच्छा है.

दूसरे पक्ष भी हैं खास

फ़िल्म का गीत – संगीत अच्छा बन पड़ा है. पाकिस्तानी गीत पसूरी का रिमेक भी इस बार दिल जीत ले जाता है. फ़िल्म की सिनेमाटोग्राफी फिल्म में एक अलग रंग भरती है. फ़िल्म के संवाद कहानी के अनुरूप हैं.

Next Article

Exit mobile version