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Saubhagya Sundari Vrat 2022: कल रखा जाएगा सौभाग्य सुंदरी व्रत, सुखद दांपत्य जीवन का आशीष होता है प्राप्त

Saubhagya Sundari Vrat 2022: सौभाग्य सुंदरी व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य का वरदान होता है और उन्हें संतान का सुख देना वाला होता है. इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत शिव योग और सिद्ध योग में है. 11 नवंबर को शिव योग सुबह से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक है.

By Shaurya Punj | November 10, 2022 8:21 AM

Saubhagya Sundari Vrat 2022:  सौभाग्य सुंदरी व्रत सुहागिन का त्यौहार रहा है यह व्रत सौभाग्य की कामना व संतान सुख की प्राप्ति हेतु किया जाता है. यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य का वरदान होता है और उन्हें संतान का सुख देना वाला होता है. इस व्रत को करने से विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है. दांपत्य दोष, विवाह न होना या देर होना तथा मंगली दोष को दूर करने वाला होता है.

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022

पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 32 मिनट से होगा और इस तिथि का समापन 11 नवंबर दिन शुक्रवार को रात 08 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा.

शिव योग में सौभाग्य सुंदरी व्रत

इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत शिव योग और सिद्ध योग में है. 11 नवंबर को शिव योग सुबह से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. शिव और सिद्ध योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं.

सुख- सौभाग्य में वृद्धि करता है सौभाग्य सुंदरी व्रत

इस दिन महिलाएं मनोनुकूल पति और पुत्र प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं. महिलाएं इस दिन तिल मिश्रित जल से शिव-पार्वती को स्नान करा कर यथोचित वस्त्र-स्वर्णाभूषण आदि से पूजा करते हुए मंत्र जाप करती हैं. व माँ से प्रार्थना की जाति है कि हे माता आप मेरे पापों का नाश करें मुझे सौभाग्य प्रदान करें और मुझे सर्वसिद्धियां प्रदान करें. व्रत व्यक्ति के सुख- सौभाग्य में वृद्धि करता है. सौभाग्य से जुडे होने के कारण इस व्रत को विवाहित महिलाएं और नवविवाहित महिलाएं करती है.

वैवाहिक सुख को बढ़ाता है

इस उपवास को करने का उद्धेश्य अपने पति व संतान के लम्बे व सुखी जीवन की कामना करना है.जिन महिलाओं की कुण्डली में वैवाहिक सुख में कमी या विवाह के बाद अलगाव जैसे अशुभ योग बन रहे हों, उन महिलाओं को भी यह व्रत विशेष रुप से करना चाहिए. इस व्रत के विषय में यह मान्यता है, कि यह उपवास नियम अनुसार किया जायें तो वैवाहिक सुख को बढ़ाता है, तथा दांम्पत्य जीवन को सुखमय बनाये रखने में सहयोग करता है.

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