Sawan 2022: देवाधिदेव महादेव (Lord Shiva) का अतिप्रिय सावन महीने (Swan 2022) का दूसरा सोमवार (Sawan 2022 second Monday) आज, 25 जुलाई को है. इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है. इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि के साथ ध्रुव योग बन रहा है. पंडित अवध किशोर ओझा ने बताया कि सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग में किये गये कार्यों का फल शीघ्र मिलता है. इस योग में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा. सावन के दूसरे सोमवार को संध्या काल में त्रयोदशी लग जाने से इस दिन सोम प्रदोष व्रत हो गया है. प्रदोष व्रत भी भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है. इनमें भी कृष्ण पक्ष का प्रदोष विशेष महत्व रखता है. सोमवार के साथ प्रदोष व्रत होने से सावन का दूसरा सोमवार शिव भक्तों के लिए शिव की खास कृपा लेकर आया है. डिटेल आगे पढ़ें…
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:16 से 04:57 तक
प्रातः संध्या : प्रात: 04:36 से 05:38 तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:00 से 12:55 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग : सोमवार सुबह 5:38 से मंगलवार दोपहर 1:14 बजे तक
ध्रुव योग : रविवार दोपहर 2:01 से शुरू सोमवार दोपहर 3:03 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:48 से दोपहर 12:41 बजे तक
अमृत सिद्धि योग : सुबह 5:38 से 01:06 बजे तक
सावन के दूसरे सोमवार को यानी आज प्रदोष व्रत है. इस शुभ संयोग में शिवजी का अभिषेक सभी मनोरथ को पूरा करने वाला है. खास तौर पर संतान सुख की इच्छा रखने वालों के लिए काफी फलदायी होता है. साथ ही जो लोग सोमवार के साथ प्रदोष व्रत का भी लाभ लेना चाहते हैं उन्हें संध्या के समय सूर्यास्त से पहले भगवान शिव का पंचामृत यानी दूध, घी, गंगाजल, शहद और दही से अभिषेक करना चाहिए. यदि परिवार में स्वास्थ्य समस्या चल रही है, तो दूध और गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. शिव पुराण के अनुसार यह अभिषेक भक्तों के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उनको दूध में काले तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए.
सावन के दूसरे सोमवार पर आज सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो सूर्योदय से मध्यरात्रि तक रहेगा. इस अवधि में शुभ कार्य करने से सिद्धि की प्राप्ति होगी. अपनी मनोकामना के साथ भगवान शिव की पूजा करने संपूर्ण मनोरथ पूर्ण होंगे.
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तीसरा उत्तम संयोग यह है कि इस दिन अमृत सिद्धि योग भी बना है. इस योग में गंगा स्नान, शिवजी और विष्णुजी की पूजा अमृत के समान फलदायी होती है. इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. इस शुभ योग के बारे में कहा गया है कि इस योग में जो पुण्यदायक काम हैं उन्हें करने से अमृत तुल्य लाभ मिलता है. इसलिए इस योग में दान, योग, ध्यान, मंत्र सिद्धि का प्रयास करना चाहिए. यह शुभ योग भी सूर्योदय से मध्यरात्रि तक रहेगा.