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Sawan 2022, Shravani Mela 2022: धनबाद में पहली बार शिव महाआरती में उमड़ा जनसैलाब,हर-हर गंगे से हुआ गुलजार

धनबाद के बेकारबांध स्थित राजेंद्र सरोवर में शिव महाआरती में जनसैलाब उमड़ पड़ा. हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. इस दौरान सरोवर में एक हजार दीपक प्रवाहित किये गये. वाराणसी से अपने 10 सदस्यीय टीम के साथ आये आचार्य रणधीर ने इस शिव महाआरती को संपन्न कराया.

Sawan 2022, Shravani Mela 2022: हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से सोमवार को धनबाद शहर गूंज उठा. सावन की पहली सोमवारी के अवसर पर झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा) की तरफ से राजेंद्र सरोवर, बेकारबांध में आयोजित गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. बनारस के आचार्य रणधीर के नेतृत्व में आयी टीम ने भव्य तरीके से मां गंगे की आरती की. साथ ही कई भजन भी गाए. कर्पूर की धूनी, घृत की बत्ती से सजे नागेश्वरी आरतीदान को चारों दिशाओं में घुमाते हुए बनारस के आचार्य मंडली ने एक घंटे तक हरिद्वार और बनारस को राजेंद्र सरोवर में ला दिया. कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन के प्रमुख जेडी सद्गुरु द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से पंच धातुओं के मिश्रण से निर्मित महादेव की अनुकृति को यहां कटआउट के रूप में लगाया गया था. जिससे आयोजन स्थल की भव्यता और बढ़ गई. चारों तरफ भव्य रंगीन लाइट लगाया गया था.

हर-हर महादेव के उदघोष से माहौल उत्सवी परिवेश में बदला

आयोजकों की ओर से जब घोषणा की गई कि कोरोना में दिवंगत पुण्य आत्माओं की मुक्ति के लिए सरोवर में 1000 दीपक प्रवाहित किये जा रहे हैं, तो एक बारगी माहौल भावुक हो गया. जीटा के अध्यक्ष अमितेश सहाय ने स्वागत भाषण तथा महासचिव राजीव शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संचालन प्रकाश शर्मा ने किया. जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थलेषगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌ , डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम. शिव तांडव के संगीत में लयबद्ध गायन से गुंजायमान वातावरण में प्रकट ध्वनि से धनबाद के राजेंद्र सरोवर में एकबारगी बनारस की छटा अवतरित होने की अनुभूति हो रही थी.

मां गंगे आरती के बाद शिव तांडव स्त्रोत का वाचन

सावन के प्रथम सोमवार के संयुक्त अद्भुत संयोग की वजह से भगवान आशुतोष के भक्त अपने आराध्य को आह्लादित, हर्षित और आनंद भाव से पुकारने लगे. पहले मां गंगा की आरती हुई. फिर शिव तांडव स्त्रोत का वाचन हुआ. बनारस की गंगा आरती की तर्ज पर आयोजित शिव महाआरती का आयोजन किया गया था जिसे संपन्न कराने वाराणसी के प्रसिद्ध आचार्य रणधीर जी अपने 10 सदस्यीय दल के साथ धनबाद पहुंचे थे.

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वर्ष 2002 में प्रथम बार की आरती : आचार्य रणधीर

महाआरती टीम का नेतृत्व कर रहे आचार्य रणधीर कहते हैं कि वाराणसी के दशमेश घाट पर वर्ष 2002 में पहली बार गंगा आरती करने का सौभाग्य मिला. पतित पावनी मां-गंगा जो इस मृत्युलोक के जीवों का कष्ट और पाप समूल नाश करती है, मोक्ष देती है, उसकी अविरल धारा से इस धारा को निरंतर उपकार भाव का आशीर्वाद मिलता रहे. इस प्रार्थना के साथ मां की आराधना करना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव एवं पुण्य कार्य संकल्प था. तब से लेकर आज तक बाबा विश्वनाथ की कृपा से मां गंगे की आराधना निरंतर करते रहने का सौभाग्य मिला है. कहा कि यह खुशी की बात है कि वर्तमान में देश के कई प्रमुख सामाजिक संगठनें मां गंगा की आरती को प्रमोट कर रहे हैं. उन्होंने जीटा को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण सहित स्वच्छता अभियान को अपनी आरती में शामिल करके आयोजकों ने अपने आयोजन को वैश्विक स्वरूप में परिवर्तित कर दिया है.

अगले वर्ष इससे भी बड़े पैमाने पर होगी आरती : अमितेश सहाय

जीटा के अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि इस आयोजन के जरिए कोशिश की गयी कि धनबाद के लोगों को बनारस के गंगा आरती की अनुभूति करायी जाये. अगले वर्ष सावन की पहली सोमवारी को इसे और भव्य तरीका से आयोजित किया जायेगा. देश एवं राज्य में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की गयी.

युवा पीढ़ी को संस्कृति से परिचित कराना उद्देश्य : नंदलाल अग्रवाल

जीटा के कोषाध्यक्ष नंदलाल अग्रवाल ने कहा कि शिव महाआरती के आयोजन के पीछे की मूल भावना यह रही कि आज की नई पीढ़ी जो अपने आप में व्यस्त है, मस्त है. उन्हें अपनी समृद्ध विरासत से परिचित कराना और इनका वैदिक महत्व बताना भी है. नई पीढ़ी को यह बताना होगा कि किस तट पर तपस्या के पश्चात गंगा इस धरती पर अवतरित हुई थी और हम इसे किस तरह गंदी कर रहे हैं. विलुप्त हो रही गंगा को बचाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन जरूरी है.

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यह उत्साह वर्ष भर रहे, तो नदियां निर्मल होंगी : राजीव शर्मा

जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि आज शिव महाआरती में जो उत्साह दिखा. वह पूरे साल रहे तो राजेंद्र सरोवर को निर्मल बनाये रखने में मदद मिलेगी. यह मानस जिला स्तरीय नहीं बल्कि राष्ट्र स्तरीय पर बनाने की जरूरत है. इसी उत्साह से एक जागरण अभियान के रूप में इसे आगे बढ़ाएं तो की हर नदियां निर्मल होगी. इनकी पवित्रता भी बनी रहेगी, साथ ही जल संकट से मुक्ति भी मिलेगी. महादेव के कटआउट ने मन मोहाआयोजन स्थल पर ध्यानस्थ महादेव की अनुकृति का बनाया गया कट ऑफ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक चर्चा का विषय सहित कौतूहल का विषय था.

जीवन रक्षक दल था मौजूद

आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा सरोवर में जल स्पर्श करने के दौरान अथवा उत्साह के अतिरेक में कोई अप्रिय घटना नहीं हो, इसका ध्यान रखते हुए आयोजकों ने स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए दो महिला और चार जीवन रक्षक तैराक पुरुष की तैनाती आयोजन स्थल पर की गई थी. यातायात और विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस की तरफ से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गयी थी.

दल में ये थे शामिल

वाराणसी से आचार्य रणधीर के साथ रमेशजी, अरुण शर्मा, ओंकारनाथ त्रिपाठी, मृत्युंजय पांडे, नारायण मिश्र, रोहित, गोविंद पांडेय और सहयोगी के रूप में संजय सिंह एवं आनंद शर्मा आदि दल में शामिल थे.शहर के कई गणमान्य हुए शामिलशिव महाआरती में धनबाद के विधायक राज सिन्हा, उपायुक्त संदीप सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक संजीव कुमाजिला चेंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका, राजेश गुप्ता, मनोज मोदी, संजीव अग्रवाल, के लिए शाम ढलने से पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी. चारों तरफ बने सीढ़ियों पर लोग बैठे थे. श्रद्धालुओं के लिए एलइडी स्क्रीन भी लगाया गया था.

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Posted By: Samir Ranjan.

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