Varanasi: सावन के पहले सोमवार पर काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. बाबा विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर हर-हर महादेव और बोलबम की गूंज है. काशी में सोमवार को हर तरफ शिवभक्त नजर आ रहे हैं.
भीड़ के मद्देनजर गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं है. भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराए जा रहे हैं. वहीं बाहर लगे पात्र से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है. अपने आराध्य काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए कांवड़ियों की कतार देर रात से ही लगने लगी थी. मंदिर प्रशासन की ओर से शिवभक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई है.
इसके साथ ही उनका फूल बरसाकर स्वागत किया गया. बताया जा रहा है कि शयन आरती तक दो लाख से अधिक शिवभक्त बाबा के दरबार में दर्शन पूजन कर चुके हैं. पहले सोमवार को मंदिर में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
Also Read: Sawan 2023: शिव-पार्वती ने 11 हजार साल तक यहां किया तप, चिंतामणि गिरने के कारण कहलाया मणिकरण, जानें कहानीसावन मास का पहला सोमवार श्रद्धा की फुहार लेकर आया है. काशी के अधिपति का जलाभिषेक करने के लिए भक्त आस्था, श्रद्धा और उल्लास से कतारों में खड़े हैं. भारी भीड़ को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और जिला प्रशासन की ओर से कतारबद्ध श्रद्धालुओं को 30 मिनट में गर्भगृह तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
दशाश्वमेध, मैदागिन व गोदौलिया से कतार के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग सहित परिसर स्थित सभी जगहों पर रेड कारपेट बिछाई गई है, जिससे भोले के भक्तों का दरबार पहुंचने पर सुखद अनुभूति हो.
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि चारों द्वारों से भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है, जो जिस द्वार से जा रहा है, उसी से दर्शन कर बाहर आ रहा है. इसके साथ ही बाबा के द्वार जाने वाले रास्तों पर को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है.
सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं ने अपनी परंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया. इसके लिए गौरीकेदारेश्वर से जलाभिषेक यात्रा आरंभ हुई. श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगा द्वार से प्रवेश करते हुए 21 यादव बंधुओं ने पश्चिमी द्वार से गर्भगृह में जलाभिषेक किया.