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Sawan First Somwar 2023: सावन के पहले सोमवार को ऐसे करें शिव जी की पूजा, 8 में कितने सोमवारी है मान्य

Sawan First Somwar 2023 Puja Vidhi Shubh Muhurat Aarti Mantra Updates: सावन महीने के पहले सोमवार का विशेष महत्व होता है. सावन का पहला सोमवार इस बार आज 10 जुलाई को है. इस बार सावन में कुल आठ सोमवार पड़ने वाले हैं. सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महादेव भक्त व्रत, उपवास रखते हैं. रुद्राभिषेक करते हैं. सावन सोमवार पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम, रुद्राभिषेक का महत्व समेत पूरी जानकारी आगे पढ़ें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2023 8:44 AM

मुख्य बातें

Sawan First Somwar 2023 Puja Vidhi Shubh Muhurat Aarti Mantra Updates: सावन महीने के पहले सोमवार का विशेष महत्व होता है. सावन का पहला सोमवार इस बार आज 10 जुलाई को है. इस बार सावन में कुल आठ सोमवार पड़ने वाले हैं. सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महादेव भक्त व्रत, उपवास रखते हैं. रुद्राभिषेक करते हैं. सावन सोमवार पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम, रुद्राभिषेक का महत्व समेत पूरी जानकारी आगे पढ़ें…

लाइव अपडेट

किन लोगों को नहीं करना चाहिए व्रत

  • सर्जरी हुई हो या किसी गंभीर बीमारी का इलाज करा रहे हों तो व्रत न करें.

  • शुगर पेशेंट को व्रत करने से परहेज करना चाहिए.

  • एनिमिया की परेशानी हो तो व्रत करने से परहेज करें.

  • फेफड़ा, लिवर, हार्ट, किडनी संबंधित बीमारी होने पर व्रत न करें.

  • गर्भवती महिलाओं को भूखे रहने वाला व्रत नहीं करना चाहिए.

Sawan 2023: 19 साल बाद बन रहा यह योग

बैद्यनाथ धाम के ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह मलमास सावन के महीने में पिछली बार 19 साल पहले पड़ा था. यानी की 2004 में सावन 2 महीने का हुआ था. उसके बाद 2023 में सावन में मलमास लग रहा है. मलमास की 18 जुलाई से शुरु होगा और 16 अगस्त को समाप्त होगा.

साल 2023 में 8 सोमवारी, कितने सोमवार व्रत रखना शुभ

  • पहले चरण में सावन 4 से 17 जुलाई तक जिसमें दो सावन सोमवारी व्रत पड़ेंगे-

  • पहला सावन सोमवार व्रत- 10 जुलाई

  • दूसरा सावन सोमवार व्रत- 17 जुलाई

  • इस बीच मलमास 18 जुलाई से आरम्भ होकर 16 अगस्त तक रहेगा. जिसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत मान्य नहीं होंगे.

  • दूसरे चरण में सावन 17 अगस्त से 31 अगस्त तक है इसमें भी दो सावन सोमवारी व्रत पड़ेंगे-

  • तीसरा सावन सोमवार व्रत- 21 अगस्त

  • चौथा सावन सोमवार व्रत- 28 अगस्त

महामृत्युंजय मंत्र

ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

भगवान शिव का मूल मंत्र

ॐ नमः शिवाय
शिवजी को प्रिय मंत्र

ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

व्रत में किन मंत्रों का जाप करना फलदायी माना गया है...

सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ को इन मंत्रों से करें प्रसन्न
पूजा आरंभ करने से पहले भोलेनाथ को प्रसन्न करने का मंत्र-


नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023

पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 14 जुलाई 2023 को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है. इसकी समाप्ति 15 जुलाई 2023 को रात्रि 08 बजकर 32 मिनट पर होगी. इस दिन भगवान शिव की पूजा केवल प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए शुक्र प्रदोष व्रत 14 जुलाई को मनाया जाएगा.

सावन में क्या न करें

बैद्यनाथ धाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी के अनुसार, सावन के महीने में कुछ काम वर्जित हैं. जैसे सावन में मांस-मछली खाना वर्जित है. लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा भूलकर भी शराब का सेवन न करें. सावन के महीने में दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि भोलेनाथ पर दूध का अभिषेक किया जाता है. भक्तों को सकारात्मक विचारों के साथ पूजा करनी चाहिए. सावन के महीने में बड़ों का अनादर बिल्कुल भी न करें.

ऐसे करें भगवान भोलेनाथ को खुश

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक करें. इसके साथ ही इस माह में जलाभिषेक का भी विशेष महत्व है. साथ ही सावन माह में पंचाक्षर मंत्र की एक माला का जाप करें. सावन के महीने में बेलपत्र पर राम का नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. वहीं इस सावन में 8 सोमवार हैं.

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क्यों किया जाता है सावन सोमवार का व्रत?  

भगवान शिव ने चंद्रा को अपने सिर पर धारण किया है और चंद्रमा का दूसरा नाम सोम है. इसी वजह से सोमवार के दिन को भगवान शिव का दिन माना जाता है. सोम का एक और संबंध सोमरस से जोड़ा जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार सोमरस का सेवन देवता किया करते थे. जिसका पान करने से उन्हें आरोग्य की प्राप्ति हुई. यानी सोमरस को दवा की तरह समझा जाता है. इसी तरह शिव मनुष्यों के लिए कल्याणकारी हैं इसलिए सोमवार के दिन इनकी विशेष पूजा की जाती है.

शिव पुराण के अनुसार सावन का महत्व

शिव पुराण के अनुसार, सावन के सभी सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी कष्ट व परेशानी दूर होती हैं. सावन मास में अकाल मृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी दुखो को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार सावन मास में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र, शिव पुराण का पाठ, रुद्राभिषेक आदि करने से कर्ज, रोग, बाधा व परेशानी और शोक से मुक्ति मिलती है.

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ये लोग सावन सोमवार व्रत करने से बचें 

  • सर्जरी हुई हो या किसी गंभीर बीमारी का इलाज करा रहे हों तो व्रत न करें.

  • शुगर पेशेंट को व्रत करने से परहेज करना चाहिए.

  • एनिमिया की परेशानी हो तो व्रत करने से परहेज करें.

  • फेफड़ा, लिवर, हार्ट, किडनी संबंधित बीमारी होने पर व्रत न करें.

  • गर्भवती महिलाओं को भूखे रहने वाला व्रत नहीं करना चाहिए.

सावन सोमवार का व्रत कर रहे तो ये खाएं

  • सावन सोमवार का व्रत रख रहे तो फल और जूस भरपूर मात्रा में ले. मौसमी फलों आम, नाशपाती, खीरा जैसी मौसमी फल खाएं.

  • 8 से 10 गिलास पानी पीएं.

  • पानी की कमी से बचने के लिए नारियल पानी, जूस लें.

  • सावन के व्रत में साबूदाना, मखाना, दूध, दही, पनीर का सेवन दिनभर के लिए बहुत सारी एनर्जी देता है.

  • साबूदाने की खीर, खिचड़ी खाने से पेट भरा रहता है और एनर्जी भी पूरी मिलती है.

  • सावन व्रत में गुड़ का सेवन करना भी फायदेमंद होता है.

  • सावन व्रत में कट्टू के आटे की पूरी और आलू की सब्जी भी खा सकते हैं.

कब है सावन का पहला सोमवार?

हिन्दू पंचांग के अनुसार 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है. वहीं, सावन महीने का समापन 31 अगस्त को होगा. इस वर्ष मलमास पड़ने के चलते कुल 59 दिनों का सावन होगा. इसके लिए सावन महीने में कुल 8 सोमवार होंगे. इनमें पहला सोमवार 10 जुलाई को है और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को है.

सावन पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कभी भी पंचक या भद्रा काल लगता है तो उस समय में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है. भगवान शिव कालों के काल महाकाल हैं. सभी ग्रह नक्षत्र उनके अधिन काम करते हैं. इसलिए इस पूरे दिन आप निश्चिक होकर व्रत और शिव पूजा कर सकते हैं. इसलिए इस दिन पंचक लगने से कोई समस्या नहीं है.

सावन सोमवार व्रत में कैसे करें पूजा

सावन सोमवार के व्रत में शाम के वक्त भगवान शिव को अक्षत, सफेद, फूल, चंदन, भांग, धतूरा, गाय के दूध, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र आदि चढ़ा कर उनकी पूजा करें. अब भोले नाथ का पंचामृत से अभिषेक करें, साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. भोलेनाथ के साथ ही मां पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करें.

सावन सोमवार पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.

  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.

  • भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.

  • भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.

  • भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

Sawan First Somwar 2023: साल का पहला सोमवारी व्रत कल

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है. इस दिन पंचक भी रहेगा. साथ ही इस दिन दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव भी है. सावन के पहले दिन पंचक लगने के कारण यदि आपके मन में रुद्राभिषेक करने के शुभ मुहूर्त को लेकर कोई प्रश्न उठ रहा है तो बता दें कि ज्योतिष के अनुसार सावन में कभी भी पंचक या भद्रा काल लगता है तो उस समय में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है. कारण यह है कि भगवान शिव कालों के काल महाकाल हैं और सभी ग्रह नक्षत्र उनके अधिन हैं. इसलिए इस पूरे दिन आप बिना किसी संशय के निश्चिंत होकर व्रत और शिव पूजा, अनुष्ठान कर सकते हैं.

Sawan First Somwar 2023: इस साल बन रहा सावन में अद्भुत संयोग

पूरे 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है जिसमें, सावन पूरे 59 दिनों का होगा. साल 2023 में सावन महीने के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए इन 2 महीनों में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव के साथ श्रीहरि विष्णु जी की भी जमकर कृपा बरसेगी.

सावन सोमवार शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, मासिक सावन शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि - 15 जुलाई को पड़ती है. यह 15 जुलाई को रात 8:32 बजे शुरू होगी और 16 जुलाई को रात 10:08 बजे समाप्त होगी. निशिता काल पूजा का समय शुरू होगा प्रातः 12:07 बजे और 16 जुलाई को प्रातः 12:48 बजे समाप्त होगा.

सावन में क्यों की जाती है शिव जी की पूजा

सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव जी की पूजा सबसे अधिक की जाती है. ये पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है. ऐसा कहते हैं कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी. तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया. यही वजह है कि सावन में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है. सावन में सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि आदि कई महत्वपूर्ण तिथियों पर शिव पूजा उत्तम फलदायी मानी गई है.

Sawan 2023: कब-कब रखे जायेंगे सावन सोमवार व्रत

  • पहले चरण में सावन 4 से 17 जुलाई तक जिसमें दो सावन सोमवारी व्रत पड़ेंगे-

  • पहला सावन सोमवार व्रत- 10 जुलाई

  • दूसरा सावन सोमवार व्रत- 17 जुलाई

  • इस बीच मलमास 18 जुलाई से आरम्भ होकर 16 अगस्त तक रहेगा. जिसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत मान्य नहीं होंगे.

  • दूसरे चरण में सावन 17 अगस्त से 31 अगस्त तक है इसमें भी दो सावन सोमवारी व्रत पड़ेंगे-

  • तीसरा सावन सोमवार व्रत- 21 अगस्त

  • चौथा सावन सोमवार व्रत- 28 अगस्त

सावन सोमवार पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.

  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.

  • भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.

  • भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.

  • भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

इन चीजों से करें भगवान शिव का अभिषेक

  • शुद्ध जल- धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन में शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

  • गन्ने का रस- सावन में गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है.

  • शुद्ध जल- धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन में शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

  • गन्ने का रस- सावन में गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है.

  • दूध- सावन सोमवार को दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है.

  • दही- सावन सोमवार के दिन दही से भगवान शिव का अभिषेक करने पर शिव जी की कृपा से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.

  • घी- सावन में गाय के घी से शिवजी का अभिषेक करना शुभ माना गया है. माना जाता है कि सावन सोमवार को घी से भगवान शिव का अभिषेक करने से सेहत से संबंधी समस्या दूर होती है.

  • गंगाजल- सावन सोमवार को गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करना बेहद शुभ माना गया है. माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

कैसे करें सोमवार का व्रत, क्या है विधि

  • सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.

  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.

  • भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.

  • भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.

  • भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

साल 2023 का पहला सोमवार कब?

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है. इस दिन पंचक भी रहेगा. साथ ही इस दिन दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव भी है. सावन के पहले दिन पंचक लगने के कारण यदि आपके मन में रुद्राभिषेक करने के शुभ मुहूर्त को लेकर कोई प्रश्न उठ रहा है तो बता दें कि ज्योतिष के अनुसार सावन में कभी भी पंचक या भद्रा काल लगता है तो उस समय में पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं होती है. कारण यह है कि भगवान शिव कालों के काल महाकाल हैं और सभी ग्रह नक्षत्र उनके अधिन हैं. इसलिए इस पूरे दिन आप बिना किसी संशय के निश्चिंत होकर व्रत और शिव पूजा, अनुष्ठान कर सकते हैं.

Sawan First Somwar 2023: सावन पूजा सामग्री

सावन में शिव पूजा के लिए गंगाजल, जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, जनेऊ, वस्त्र, चंदन, रोली, अक्षत, बेलपत्र, फल, विजया, आक, धतूरा, कमल गहा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंच मेवा, धूप, दीप, गुलाल, अबीर, इत्र कपूर आदि का उपयोग करें.

Sawan First Somwar 2023: 19 साल बाद सावन में अद्भुत संयोग

पूरे 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है जिसमें, सावन पूरे 59 दिनों का होगा. साल 2023 में सावन महीने के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए इन 2 महीनों में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव के साथ श्रीहरि विष्णु जी की भी जमकर कृपा बरसेगी.

Sawan 2023: सावन का महत्व

सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव जी की पूजा सबसे अधिक की जाती है. ये पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है. ऐसा कहते हैं कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी. तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया. यही वजह है कि सावन में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है. सावन में सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि आदि कई महत्वपूर्ण तिथियों पर शिव पूजा उत्तम फलदायी मानी गई है.

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