Sawan Somwar : आज 16 अगस्त को सावन मास का आखिरी सोमवार है. सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है. 22 अगस्त को सावन महीना समाप्त हो जाएगा. सावन सोमवार के दिन विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. आइए जानते हैं सावन सोमवार की पूजा- विधि…
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सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
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शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
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भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
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भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.
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भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
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भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.
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ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक
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अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक
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विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट
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गोधूलि मुहूर्त- 06 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट
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अमृत काल- शाम 05 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट
Posted by: Radheshyam Kushwaha