Sawan Shivratri 2023: श्रावण शिवरात्रि 15 जुलाई को, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

Sawan Shivratri 2023: श्रावण शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व है और यह दिन पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है. शिवरात्रि पर कांवरिए शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं. श्रावण शिवरात्रि का त्योहार अत्यधिक शुभ माना जाता है क्योंकि यह हिंदू कैलेंडर के सबसे पवित्र महीने श्रावण मास का सबसे अच्छा दिन है.

By Bimla Kumari | July 14, 2023 2:21 PM

Sawan Shivratri 2023: श्रावण शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व है और यह दिन पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है. शिवरात्रि पर कांवरिए शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं. श्रावण शिवरात्रि का त्योहार अत्यधिक शुभ माना जाता है क्योंकि यह हिंदू कैलेंडर के सबसे पवित्र महीने श्रावण मास का सबसे अच्छा दिन है. देशभर में सावन शिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई गई. द्रिक पंचांग के अनुसार, श्रावण शिवरात्रि सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली है. इस साल सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 को मनाई जा रही है.

Sawan Shivratri 2023: तिथि और समय

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 15 जुलाई 2023 – रात्रि 08:32 बजे

  • चतुर्दशी तिथि समाप्त – 16 जुलाई 2023 – रात्रि 10:08 बजे

  • शिवरात्रि पारण समय – 16 जुलाई 2023 – प्रातः 05:34 बजे से अपराह्न 03:51 बजे तक

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 16 जुलाई 2023 – शाम 07:17 बजे से रात 09:51 बजे तक

  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 16 जुलाई 2023 – रात्रि 09:51 बजे से 12:25 बजे तक

  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 16 जुलाई 2023 – 12:25 पूर्वाह्न से 03:00 पूर्वाह्न तक

  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 16 जुलाई 2023 – प्रातः 03:00 बजे से प्रातः 05:34 बजे तक

Sawan Shivratri 2023: सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन शिवरात्रि का हिंदुओं में बहुत महत्व है. यह भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. सावन शिवरात्रि उत्तर भारतीय राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार में अधिक लोकप्रिय है. भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, महाकालेश्वर और अन्य 12 ज्योतिर्लिंगों में विशेष पूजा की व्यवस्था की जाती है. इन स्थानों पर हजारों श्रद्धालु गंगाजल अभिषेक के लिए आते हैं. पूरा सावन महीना शुद्ध इरादे और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करने का एक अवसर है. सभी कांवरिए भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाएंगे जो वे विभिन्न पवित्र स्थानों से लाए हैं. सावन शिवरात्रि के शुभ दिन पर, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और सुखी, स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.

Sawan Shivratri 2023: सावन शिवरात्रि पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.

  • भक्त भगवान शिव के मंदिर जाते हैं और गंगाजल से जलाभिषेक करते हैं.

  • कुछ भक्त पंचामृत (दूध, दही, चीनी, शहद और घी का मिश्रण) से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं और अभिषेक करते समय ओम नमः शिवाय का जाप करते हैं.

  • शिवलिंग पर सफेद और लाल रंग के फूल, बेल पत्र (5, 11, 21), भांग, धतूरा चढ़ाएं.

  • शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाना भी बेहद शुभ माना जाता है.

  • भगवान शिव और माता पार्वती को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और देसी घी का दीया जलाएं.

  • भगवान शिव को वस्त्र और जनेऊ चढ़ाएं. महिला भक्तों को भगवान शिव को जनेऊ नहीं चढ़ाना चाहिए.

महा मृत्युंजय मंत्र का रुद्राक्ष की माला पर 108 बार जाप करें.

भगवान शिव को अक्षत, हल्दी, पान और फल चढ़ाएं.

सौभाग्य और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए देवी पार्वती को श्रृंगार अर्पित करें.

लोगों को शिव परिवार पर वस्त्र अवश्य चढ़ाने चाहिए.

सभी पूजा अनुष्ठान पूरा करने के बाद भगवान शिव की आरती का जाप करें.

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मंत्र

1. ॐ नमः शिवाय..!!

2. ॐ त्रियंभकं यजामहे सुगंधिम् पुष्टि वर्धनम्,

उर्वारुकमिव बन्धनान् मिरियोर मुक्षीय मामृतात्..!!

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सावन शिवरात्रि कब है?

सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 को मनाई जाने वाली है.

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सावन शिवरात्रि कैसे मनाई जाती है?

सावन शिवरात्रि देश भर में लाखों भगवान शिव भक्तों द्वारा मनाई जाती है. वे गंगाजल चढ़ाते हैं और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं.

(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. prabhatkhabar.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. हमारी सलाह है कि इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क कर लें.)

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