13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sawan Somwar 2022: सावन का पहला सोमवार आज,शिव पूजा में न करें ये गलतियां, रखें इन बातों का ध्यान

Sawan Somvar 2022: श्रावण मास का महीना शुरू हो चुका है. कल इस महीने पहला सोमवार है. सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. क्योंकि सावन और सोमवार दोनों ही भगवान शिव की पूजा के लिए खास होते हैं.

Sawan Somwar 2022: सावन महीने का पहला सोमवार कल है. इस दिन का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. वैसे तो कहा यह भी जाता है कि भगवान शिव अत्यंत भोले होते हैं उन्हें भक्त अपनी भक्ती से आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं. वहीं सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है और इस महीने में सोमवार व्रत रखने से शिव जी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. लेकिन फिर भी कुछ ऐसे नियम हैं जिनका पालन शिव जी की पूजा या सावन सोमवार पूजा में जरूर करनी चाहिए. जानें

Sawan Somwar 2022: सावन सोमवार पूजा विधि

  • सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें.

  • शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें.

  • साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं.

  • पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें.

  • शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं.

  • प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं.

  • धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें.

  • अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें.

Sawan Somwar 2022: भगवान शिव की पूजा की सामग्री

सावन मास की सोमवार को भगवान शिव की पूजा के दौरान फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.

Also Read: Sawan 2022: श्रावण मास का पहला सोमवार व्रत कल, उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं, यहां है डाइट टिप्स
Sawan Somwar 2022: सावन सोमवार या शिव पूजा में न करें ये गलतियां

  • शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं, लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था, इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है.

  • भगवान शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के अन्य कोई फूल प्रिय नहीं हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाना निषेध माना गया है.

  • शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है.

  • शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती.

  • नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए, क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. वहीं, भगवान शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें