सावन मास का सातवां सोमवार 21 अगस्त 2023 को है. इसी दिन नाग पंचमी भी मनाई जा रही है. नाग पंचमी पर शिव जी के गण नाग देवता की पूजा होगी. सावन के सातवें सोमवार के दिन नाग पंचमी भी है. ऐसे में नाग देवता और सावन सोमवार की पूजा का एक साथ संयोग बहुत शुभ माना जा रहा है.
महादेव और नाग देवता की पूजा का मुहुर्त- सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 08 बजकर 53 मिनट तक
उत्तम मुहुर्त- सुबह 09 बजकर 31 मिनट से सुबह 11 बजकर 06 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 27 मिनट तक
फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री.
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
इसके साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं.
पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेल पत्र अर्पित करें.
शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं.
इसके बाद प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी-शक्कर का भोग लगाएं.
आखिर में धूप, दीप से भगवान भोलेनाथ की आरती करें.
भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ को बेहद चमत्कारी माना जाता है. इस मंत्र का सकारात्मक परिणाम बहुत जल्दी ही देखने को मिलता है. इसलिए हर सोमवार इस मंत्र का जाप जरूर करें.
Also Read: Nag Panchami 2023 Live: इस साल शुभ संयोग में मनायी जाएगी नागपंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्रीसावन सोमवार और नाग पंचमी का शुभ संयोग बन रहा है.
इस दिन अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देव नागों की पूजा की जाती है.
ऐसे में इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की आठ आकृति बनाएं.
फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नागदेवता की पूजा करें.
मिष्ठान का भोग लगाकर नाग देवता की कथा अवश्य पढ़ें.
पूजा करने के बाद कच्चा दूध में घी, चीनी मिलाकर उसे लकड़ी पर रखें गए सांप को अर्पित करें.