Sawan 3rd Somwar 2023: सावन मास का तीसरा व मलमास का प्रथम सोमवार सावन शुक्ल षष्ठी को हस्त नक्षत्र व शिव के प्रिय शिव योग में मनायी जायेगी. इसके साथ ही शुभ योगों का युग्म संयोग भी बना है. आज शिव योग, रवियोग, जयद् योग एवं तैतिल करण का पुण्यकारी संयोग रहेगा. शिव भक्त सोमवार को महादेव व माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे. पूरे दिन जलार्पण के बाद संध्या बेला में उमा-शंकर भगवान का अलौकिक शृंगार कर विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी. अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए जातक विविध पदार्थों से शिवार्चन कर स्तुति पाठ करेंगे.
आचार्य आशिमा महंत ज्योतिषाचार्य ने बताया कि श्रावण अधिकमास शुक्ल षष्ठी को सावन अधिकमास की तीसरी सोमवारी व मलमासीय अति दुर्लभ सोम प्रदोष का उत्तम योग बन रहा है. आज दोपहर 12:52 तक शिव योग तथा उसके बाद सिद्ध योग विद्यमान रहेगा. इस शुभकारी योग में किया कार्य पूर्णतः सिद्ध होगा. ऐसे संयोग में भगवत पूजन से उमा-महेश्वर के साथ षष्ठी व सूर्य की कृपा प्राप्त होगी.
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दूध से अभिषेक व धतूरे का फूल चढ़ाने पर संतान सुख मिलता है.
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अकावन का फूल शिवलिंग पर अर्पित करने पर गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
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हरसिंगार का पुष्प चढ़ाने पर सुख प्राप्ति होती है.
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घी व सरसों तेल से अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है.
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बेला का फूल अर्पित करने पर सुयोग्य पत्नी मिलती है.
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आक, असली, समीपत्र अर्पित करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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दूध व ईंख रस से अभिषेक करने पर मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है.
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शिवलिंग पर दही चढ़ाने से धन-संपत्ति प्राप्त होती है.
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भगवान शिव को कुशा का जल या सुगंधित इत्र आदि चढ़ाने से सभी रोग और दोष दूर हो जाते हैं
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भगवान शिव को गन्ने का रस अर्पित करने पर सांसारिक सुख मिलता है.खबर अपडेट हो रही है…
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सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
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मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
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इसके बाद दीप प्रज्वलित करें.
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सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
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शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
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भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
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भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.
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भगवान शिव को अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, दूध, पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि जरूर अर्पित करें.
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पंचामृत से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का निरंतर जाप करते रहें.
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भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं.
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इस दिन भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.
सावन सोमवार में शिव पूजा के लिए कच्चा दूध, गंगाजल, दही, घी, शहद, भांग, धतूरा, शक्कर, केसर, चंदन, बेलपत्र, अक्षत, भस्म, रुद्राक्ष, शमी पत्र, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, गाय का कच्चा दूध, तुलसी दल, मंदार पुष्प, ईख का रस, फल, कपूर, धूप, दीप, शिव के प्रिय फूल (हरसिंगार, आक, कनेर), इत्र, पंचमेवा, काला तिल, सोमवार व्रत कथा पुस्तक और शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.
पुरुषोत्तम मास की पहली सोमवारी तथा सावन की तीसरी सोमवारी आज है. काशी विश्वनाथ दरबार और बाबाधाम में कांवरियों का तांता लगा हुआ है. इसके साथ ही उज्जैन में महाकाल के दरबार में भी भक्तों की भारी भीड़ है. उमस भरी गर्मी के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं है. दिन चढ़ने के साथ कांवरियों की संख्या बढ़ती जा रही है. कांवरियों की बढ़ते संख्या को देखते हुए सोमवारी पर काफी भीड़ होने की संभावना है. जानकारी के अनुसार सावन की तीसरी सोमवारी के मद्देनजर रविवार को लगभग 30 हजार कांवरिये अजगैवीनगरी से गंगा जल भर कर बाबाधाम के लिए रवाना हुए है. अजगैवीनगरी बोलबम के नारों से गुंजायमान है. बड़ी संख्या में कांवरिये वाहन से भी बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं. जो रिकार्ड में दर्ज नहीं होता है. नेपाल, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व बिहार के कांवरिये अधिक संख्या में देखे जा रहे हैं.