उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को सीबीएफसी प्रमाणन दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. फिल्म पांच मई को रिलीज होने वाली है. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पहले ही फिल्म को प्रमाणित कर दिया है.
पीठ ने कहा, ”आप कलाकारों, निर्माता के बारे में सोचिए… सबने मेहनत की है. फिल्मों पर स्थगन देने के बारे में आपको बहुत सावधान रहना चाहिए. बाजार तय करेगा कि क्या यह मानक के अनुरूप है या नहीं…. हम (याचिका कायम रखने के) इच्छुक नहीं हैं.” पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी.पारदीवाला भी शामिल हैं. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने इस मामले का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले को एक पीठ को सौंपेंगे लेकिन पीठ उपलब्ध नहीं थी.
अहमदी ने कहा, “आपने कहा था कि हम मामले की तात्कालिकता को देखने और एक पीठ गठित करने के लिए उच्च न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं. पीठ का गठन उनके द्वारा किया गया था, उन्होंने कहा कि वे कल ही इस पर विचार कर सकते हैं.” शीर्ष अदालत ने बुधवार को फिल्म से संबंधित याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ताओं से क्षेत्राधिकार वाले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था. यह फिल्म केरल में युवा हिंदू महिलाओं को आतंकी संगठन (आईएस) में शामिल किए जाने से पहले कथित तौर पर उनका इस्लाम में धर्मांतरण और कट्टरवाद पर आधारित है.